'ओ साथी रे' यादगार संगीतमय सफ़र
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नागपुर। वैशु'ज़ म्यूजिकल वर्ल्ड की ओर से एक संगीतमय सफ़र 'ओ साथी रे' का आयोजन मोरभवन के उत्कर्ष सभागृह में किया गया। इस कार्यक्रम में प्रमुखता के साथ श्री.ए. के. झा और श्री. प्रकाश सरकार सपत्निक उपस्थिति रहे।
सर्वप्रथम, वैशु'ज़ म्युज़िकल वर्ल्ड की निदेशिका वैशाली मदारे ने उपस्थित दर्शकों का शब्द सुमन से स्वागत किया। कार्यक्रम की संकल्पना एवं प्रस्तावना सहित 'वो शाम कुछ अजीब थी' गीत के साथ, राज चौधरी ने कार्यक्रम की शुरुआत की।
तत्पश्चात, कलाकारों ने एक से बढ़कर एक नग्में सुनाकर लोगों का मनोरंजन किया। जिसमें चारुलता पालंदुरकर ने 'तेरा मेरा प्यार अमर', 'तुम्हारी नजर क्यों खफा हो गई', नंदकिशोर मूले ने 'ख़ुदा भी आसमां से', 'सांसो को जीने का',
रजनी बांद्रे ने 'नील गगन की छांव में', 'तेरे खयालों में हम', शैलेश जनबंधु ने 'हाथों की चंद लकीरों का', 'मेरे महबूब कयामत होगी', प्रकाश सरकार ने 'माना हो तुम', 'ऐ मेरी जोहरा ज़बी', आनंद अय्यर ने 'ओ हंसिनी', 'तुम साथ हो जब अपने', अनामिका झा ने 'सजना है मुझे सजना के लिए', डॉ. नंदिनी खाड़े ने 'मिलती है जिंदगी में', सुनील रंगारी ने 'दिल में हो तुम', 'तेरे चेहरे में वो जादू है', कृष्णा कपूर ने 'ना यह चांद होगा', 'वो पास रहे या दूर',
नूतनसिंह छाडी ने 'और नहीं कुछ तुमसे', 'साथी तेरे नाम एक दिन', पंकज जोशी ने 'मांग के साथ तुम्हारा', 'तेरा साथ है कितना प्यारा', राज चौधरी ने 'फूलों के रंग से', वैशाली मदारे ने 'आजा रे परदेसी' तथा युगल गीत 'हाल कैसा है जनाब का', 'लड़की बड़ी अंजानी है' और कार्यक्रम का शीर्षक गीत 'ओ साथी रे' गाकर समां बांध दिया।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति रही जिसमें, सुभाष दापुरकर, अतुल देशमुख, दिनेश बागड़ी, कर्मशील साखरे, प्रेम कुमार आनंद, हरीश खुबानी, वसुधा लिहिपांडे, श़गुफ्ता यासमीन अंसारी, माया ढोके, सतीश गजभिए आदि उपस्थित थे।
कार्यक्रम में ध्वनि प्रक्षेपण गुणवंता और विनोद पांडे ने संभाली। कार्यक्रम का कुशल संचालन राज चौधरी ने किया। कार्यक्रम की निर्देशिका वैशाली मदारे ने सभी उपस्थित सुधिजनों का आभार व्यक्त किया।