'गीत गुंजन' से सुरीला रहा 'उभरते सितारे'
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नागपुर। विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन का नवोदित कलाकारों के लिए पसंदीदा कार्यक्रम 'उभरते सितारे'। मौसम और त्योहारों की खुशियों के बीच 'गीत गुंजन' विषय पर शानदार संगीतमय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें, सार्थक और भारत सहयोग संस्था के श्री विवेक गोखले जी अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इनका स्वागत संयोजक युवराज चौधरी ने अंगवस्त्र देकर किया।
अपने संबोधन में गोखले जी ने 'उभरते सितारे' कार्यक्रम की आज के दौर में नितांत आवश्यकता पर जोर दिया। और कहा कि, नवोदित कलाकारों के लिए मंच निसंदेह एक सराहनीय उपक्रम है।
तत्पश्चात, बच्चों ने एक से बढ़कर एक सांगीतिक प्रस्तुतियों से दिल जीत लिया। सर्वप्रथम, ऋषभ सोमानी, नंदिनी बागडे, मिहिका खोत, अवनी ढोणे, खुशी आंबिलडुके, राम बागल, रिधिशा बागडे, आस्था गुजर ने बढ़िया गीत सुनाए।
इसी कड़ी में किमया नन्हई के गीत का जादू दर्शकों पर सर चढ़कर बोला। तथा, उनके गीत को वंसमोर दिया गया। संस्कृति डाहाके, रिधिशा बागडे, संपूर्णा रेमंडल ने बहारदार नृत्य प्रस्तुत किया। तथा, कविता ढवळे जी ने मनमोहक भारतनाट्यम प्रस्तुत कर दिल जीत लिया।
नवोदित कलाकारों को नंदकिशोर मुले, शंकर डोंगरे, नंदिनी सुदामल्ला, कृष्णा कपूर, माया तिवारी, रौनक रुंगटा, बाबा खान, भावना सोमानी, देवांशी पटनायक, आर्यन डोंगरे, सीमा लूहा, मोनिका रेमंडल, अरनव गुजर, राहुल गुप्ता, प्रीति बागल, लक्ष्मी घनश्याम नन्हई, शीला ढवळे, डॉ. मयूरी अनंत खोत आदि ने खूब सराहा.
कार्यक्रम में प्रशांत शंभरकर ने सहयोग किया. कार्यक्रम का कुशल संचालन क्रमशः सहसंयोजिका वैशाली मदारे और युवराज चौधरी ने किया। सभी उपस्थित दर्शकों का आभार शब्द सुमन से किया गया.