शिक्षिकाओं ने किया बाल दिवस पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का प्रदर्शन
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नागपुर। आर्य विद्या सभा द्वारा संचालित दयानंद आर्य कन्या विद्यालय एवं कनिष्ठ महाविद्यालय के पिताश्री सभागृह में प्राचार्या तेजिंदर वेणुगोपाल के मार्गदर्शन में शिक्षिकाओं द्वारा 'बाल दिवस' पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया
गया। कार्यक्रम का प्रारंभ गायत्री मंत्र से किया गया। कक्षा पांचवी से दसवीं तक की सभी छात्राओं के लिए शिक्षिकाओं ने मंच कार्यक्रम प्रस्तुत किए।
जिसमें 'बचपन का अल्हड़पन' लघु नाटिका जो की शिक्षाप्रद थी एवं बच्चों के लिए गाए गए फिल्मी गीतों पर आधारित सुंदर नृत्य एवं अंताक्षरी प्रस्तुत की गई। विद्यालय की समस्त अध्यापिकाओं ने कार्यक्रम में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।
संगीत अध्यापिका मंजरी कुलकर्णी द्वारा एक गीत 'इचक दाना बिचक दाना' एवं भारती रंगलानी द्वारा 'बच्चे मन के सच्चे' का प्रस्तुतीकरण किया गया। नृत्य और गीतों पर छात्राओं में उत्साह ,उमंग और हंसी के फव्वारे छूट पड़े। प्राचार्या ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा बच्चों में आज मोबाइल इंटरनेट के जरिए बचपन की अठखेलियां लुप्त होती जा रही है।
बच्चे अठखेलियों को कभी न गुम होने दें। जीवन में चाहे कितनी भी जिम्मेदारियां क्यों ना आ जाएं अपना बचपना हमेशा बनाए रखें ताकि उन सुंदर पलों में आप खूब खुलकर हंस सकें। नृत्य नाटिका का निर्देशन महक आडवानी ने किया एवं आभार प्रदर्शन श्रीमती अनीता आर्य ने किया।
विद्यालय की तीनों पर्यवेक्षिकाएं मोनिका सिंघेल, भावना बेलानी, संगीता हरीरामानी विशेष रूप से उपस्थित रहीं। संचालन मिडिल स्कूल में भारती रंगलानी तथा हाई स्कूल में संगीता सगदेव ने किया।
आर्य विद्या सभा के अध्यक्ष अशोक कृपलानी, सचिव राजेश लालवानी तथा संस्था के सभी पदाधिकारी गणों ने बच्चों के लिए प्रस्तुत किए गए कार्यक्रमों की भूरी भूरी प्रशंसा की।