मंदिरों में भक्तगणों की अभिषेक, पूजा, अर्चना के प्रति बढ़ती आस्था
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नागपुर (आनन्दमनोहर जोशी)। भारत में कुछ ही मंदिर स्वयंभू पृथ्वी से निकली प्रतिमाओं के आधार स्तम्भ है. भारत के प्रमुख मंदिरों में नागपुर, जागृतेश्वर महादेवजी साढेसात स्वयंभू शिवालय, जागनाथ बुधवारी, श्री गणेश टेकड़ी मंदिर, सीताबर्डी हैं। पंडित बालकृष्ण बोक्षे का मानना है कि वर्तमान में स्वयम्भू मंदिरों के गर्भगृह में विराजमान प्रतिमाओं के अभिषेक, पूजा, अर्चना के प्रति भक्तों की आस्था बढ़ने लगी है.
उनका यह भी कहना है कि स्वयंभू प्रतिमाओं की पूजा, आराधना, अभिषेक के बाद में भक्तों की मनोकामना निश्चित तौर पर पूर्ण हो रही है. आई टी स्टूडेंट आदित्य का कहना है कि स्वयम्भू शिवालय और श्रीगणेश के अभिषेक के बाद भक्तों के कार्य निर्विघ्न पूर्ण हो रहे है. श्रीगणेश टेकड़ी के व्यवस्थापक दिलीप चूटे का कहना है कि वर्तमान में विशेष त्योहारों की तिथियों पर श्रीगणेश अभिषेक, पूजा,अर्चना का युवाओं में क्रेज है.
आजकल ऑनलाइन से पूजा पावती लेने के बाद भक्त श्रीस्वयंभु गणेशजी की पूजा, अर्चना, अभिषेक करने आ रहे है. पुजारी मंत्रोच्चार के साथ नवग्रह,षोडशमातृका पूजन,दस दिग्पाल पूजन, सरस्वती वंदना, महालक्ष्मी पूजन विधिविधान के साथ संपन्न करा रहे है.
पूजा, अर्चना के बाद गुलाब रेवड़ी, नागपुरी संतरा, मोतीचूर के लड्डुओं, मोदक प्रसाद का भोग भी अर्पित किया जा रहा है। पूजा के समय पवित्रता के साथ सोहळा पहनकर पूजा का प्रारम्भ किया जाता है.
पूजा सामग्री में पान सुपारी, घ्वज, नारियल, तांबीफल., पूगीफल, पंच अनुष्ठान, पंचमेवा, पंचामृत, दीपक, गेंदा फूल , दूर्वा, चमेली सीताफल, अनार, केला, संतरा, सेब, मौसम्बी , विविध तरह के मिष्ठान्न, गुड़ प्रसाद का समावेश होता है.
पुजारी पंडित राजेंद्र पांडे का कहना है कि विधिविधान के साथ मंत्रोच्चार के साथ भारत में उच्च शिक्षित युवाओं द्वारा प्रतिमाओं का अभिषेक,पूजा,अर्चना का क्रेज़ है.