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पुलों के निर्माण में मजबूती, सुरक्षा और सावधानी अत्यंत जरुरी



मेट्रो, ट्रेन, पैदल यात्री, ओवर ब्रिज की गुणवत्ता बेहतर हो

नागपुर (आनन्दमनोहर  जोशी)। आये दिन अनेक पुलों के दर्दनाक हादसों में निर्दोष यात्रियों,राहगीर की जाने जा चुकी है. भारत में 75 वर्ष पूर्व से अनेक रेलवे ब्रिज, फुट ओवर ब्रिज, आरओबी, रेलवे प्लेटफार्म ब्रिज बनाए गए. 

अंग्रेजी शासनकाल के पुल सैकड़ों वर्ष टिके रहने के बाद भी अच्छी हालत में है. लेकिन वर्तमान में बनाए जा रहे रेलवे पुलों के पुनर्निर्माण की अवधि, गुणवत्ता पर प्रश्न चिन्ह लग रहा है. उल्लेखनीय रहे कि ट्रेन हादसे के बाद पूर्व रेल मंत्री लाल बहादुर शास्त्री द्वारा इस्तीफा दे दिया गया था. वर्तमान समय के साथ साथ भारत की स्वतन्त्रता के बाद 2017, 2018, 2019 में अनेक पुलों के हादसे हुए है. 

भारत देश के 29 राज्य, 9 केंद्रशासित प्रदेशों में रेलवे के प्लेटफार्म पर हज़ारों फुट ओवर ब्रिज से करोड़ों यात्री आवागमन कर रहे है. रोजाना यात्री  स्वयं के साथ लगेज भी अनेक फुट ओवर ब्रिज से ले जाते है. मुंबई के प्रभादेवी के पुल के हादसे में भगदड़ से 19 सीताम्बर 2017 को 23 निर्दोष यात्रियों की जान चली गई. 3 जुलाई 2018 को अँधेरी स्टेशन पर बारिश में पुल का हिस्सा टूटने से 5 यात्री घायल हुए. 

14 मार्च 2019 को मुंबई के शिवाजी टर्मिनस का ब्रिज ढहने से 6 निर्दोष यात्रियों की मौत हुई. साथ ही 38 यात्री घायल हुए. 27 नवंबर 2022 बल्लारपुर रेलवे स्टेशन पर 45 साल पुराना पुल टूटा. जिसमें अनेक यात्री मारे गए और घायल भी हुए. वर्तमान समय में मुंबई, पुणे, नागपुर सहित अनेक शहरों के रेलवे स्टेशन प्लेटफार्म पर फुट ओवर ब्रिज बनाए गए है. 

महाराष्ट्र के इन मुख्य शहरों के प्लेटफार्म से हजारों यात्री अपने सामान के साथ पुलों का प्रयोग कर रहे है. लेकिन प्लेटफार्म पर अनेक रेलगाड़ियों के आवागमन पर फुट ओवर ब्रिज पर भार बढ़ जाता है. ऐसी स्थिति में मजबूत से मजबूत पुल अचानक टूट जाते है. 

भारत सरकार के केन्द्रीय रेलमंत्रियॉं, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री, राज्य के संबंधित मंत्रालय के अधिकारियों को तत्काल आपात बैठक लेकर देश के जर्जर फुट ओवर ब्रिज, फ्लाई ओवर ब्रिज, रेलगाड़ियों के आवागमन के प्रमुख पुलों की उच्चस्तरीय जांच कराते रहना जरुरी है. साथ ही सभी फुट ओवर ब्रिज, रेलवे ओवर ब्रिज, प्रमुख पुलों  पास चेक पोस्ट स्टाफ भी बहुत जरूरी है. सम्बंधित विभागों को भारत के नामी सिविल इंजीनियरिंग विभागों को भी मुस्तैद करना होगा. 

आज भारत के शहरों में आई टी , कंप्यूटर विज्ञान, कंप्यूटर इंजीनियरिंग को जिस तरह महत्व है. भविष्य में भारत जैसे देश में बरसात के दौरान बाँध के साथ साथ रेलवे, सड़क के पुलों के नवनिर्माण में गुणवत्ता और उच्च दर्जे के सिविल इंजीनियरिंग अधिकारीयों का समावेश करना होगा. जिससे की बेवजह हो रही दुर्घटनाओं को टाला जा सके.
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