कवि तन्हा नागपुरी विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ भागलपुर द्वारा सम्मानित
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नागपुर। देश के सारे राज्य में हिन्दी भाषा का प्रचार प्रसार बढ़ाने व जाने माने साहित्यकारो का नाम राष्ट्रीय पटल पे गौरोन्नावित कराने विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ भागलपुर व्दारा 51,वा हिन्दी अधिवेशन अहिन्दी प्रादेशिक शाखा महाराष्ट्र राज्य के संयोजन में 7वां राज्य स्तरीय हिन्दी साहित्य सम्मेलन एवं सारस्वत सम्मान समारोह नागपुर के विधायक निवास में गरिमा के साथ उपरोक्त विद्यापीठ के कुलपति डॉ संभाजी बाविस्कर के अध्यक्षता में तथा साहित्यिक व परभनी आकाशवाणी के अधिकारी संजय बर्वे, विकास कुबडे, मुकुल तिरतकर, जयप्रकाश नागला और डॉ वंदना बैंजामिन के प्रमुख उपस्थिति में हाल ही में उत्साह के साथ सम्पन्न हुआ।
इस मौके पर अलग अलग कस्बे से आए रचनाकारो को सारस्वत सम्मान व शिरोमणि उपाधियों से स्मृति चिन्ह व सम्मान पत्र देकर नवाजा गया। दो दिवसीय चले राष्ट्रीय समारोह में अनेक कवियों ने अपनी कविताएं सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया।
बहरहाल नगर के प्रसिद्ध कवि व दलित मित्र तन्हा नागपुरी का भी इस अवसर पर काव्य पाठ बेहद सराहा गया और तालियों के ध्वनि में तन्हा नागपुरी के हस्ते सम्मानित साहित्यकारो का काव्य संग्रह का विमोचन भी देखते बना, खासकर कुलपति डॉ संभाजी बाविस्कर ने भी उनका स्वागत सत्कार गुलदस्ता देकर किया। कार्यक्रम में सम्मानित करने हेतु आयोजन समिति का आभार भी तन्हा नागपुरी ने माना।
सर्वश्री मनोज पांडेय, नागेश चौधरी, रामकृष्ण सहस्त्रबुद्धे, राजकुमार यादव, तुकाराम राऊत, कैलाश धुर्वे, संजय सिन्हा, कमलेश उपाध्याय, जयप्रकाश मिश्रा, जयंत शर्मा, तुषार पेंढारकर, डॉ आदित्य कटियार, डॉ अनिल चतुर्वेदी, रामनाथ विभुते ,आर के निराला, विवेक असरानी, आदि मान्यवर उपस्थित थे।
उल्लेखनीय हैं कि विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ भागलपुर द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सर्व प्रथम मां सरस्वती के छायाचित्र को श्रद्धा से माल्यार्पण किया गया। देश भर में हिन्दी के गरिमा को बढ़ाने का मानस मंचासिन मान्यवरो का स्वागत सत्कार के पश्चात संजय सुर्वे ने अपने प्रास्ताविक में कहा।
कार्यक्रम का कुशल संचालन डा वंदना बैंजामिन ने किया और अंत में आभार प्रदर्शन सम्मानीत कवि विवेक असरानी ने कुलपति डॉ संभाजी बाविस्कर के आशीर्वाद से शेरों शायरी के रवानी में किया। नयनाभिराम सत्कार कार्यक्रम का समापन सभी के रुचिकर खानें में खुशनुमा रहा।