सड़क, रेल यात्रा की सुरक्षा अतिवाश्यक
बढ़ते हादसों का संज्ञान लेना जरूरी
नागपुर (आनन्दमनोहर जोशी)।आज के आधुनिक युग में करोड़ों देशवासियों को यातायात के आवागमन के लिए रेलवे, सड़क और हवाई जहाज का सहारा लेना पड़ता है. भारत लाखों गांवों की अनेक खेत, खलिहानों की हज़ारों सड़कों और रेलवे मानवरहित क्रासिंग से जुड़ा देश है. जहाँ करीब 23 करोड़ यात्री रोजाना अपनी यात्रा के लिए आवागमन करते है.इस दौरान मौजूदा समय में रेलगाड़ियों की गति बढ़ने से आम सामान्य यात्रियों की जीवनचर्या पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने लगा है.
हाल ही में गुरुवार को गुजरात के अहमदाबाद के गैरतपुर, वटवा स्टेशन के निकट तेज गति से आ रही वंदे भारत ट्रैन कुछ भैसों के झुण्ड से टकरा गई. फलस्वरूप रेलगाड़ी के इंजन का फाइबर प्रबलित प्लास्टिक का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया. 180 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज रफ़्तार के रेलगाडियों को भारत सरकार ने अनुमति तो दे दी है. लेकिन भारत के रेलवे ट्रैक के करीब 52000 किमी के ट्रैक के आसपास अब खतरा बढ रहा है. ट्रेन की स्पीड बढ़ाना विकास प्रणाली का अच्छा कदम है.
लेकिन इसके साथ साथ गाड़ियों में बैठे हजारों यात्रियों और रेलवे ट्रैक्स के पास चल रहे इंसान, जंगली प्राणियों, वाहनों के साथ जान माल की सुरक्षा भी अतिअवाश्यक है. इसके लिए भारत सरकार को रेलवे के खुले ट्रैक्स पर फैंसिंग, दीवार के साथ आटोमेटिक आधुनिक सुरक्षा के तत्काल प्रबंध करने होंगे. भारत लाखों गांवों का देश है. यहाँ हर सैकड़ों गावों के पास मानवरहित रेल क्रासिंग बनी हुई है. जहाँ से आम सामान्य पुरुष, महिला, बच्चे पैदल ही रेलवे ट्रैक को पार करते है.
अनेक रेलवे ट्रैक्स पर जंगली,पालतू जानवर विचरण करते है. साथ ही मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग से दुपहिया, तिपहिया , चौपहिया पूर्ण वाहन, ट्रैक्टर, ट्रक, बस, जीप आदि वाहन भी आवागमन करते है. भारत सरकार के राष्ट्रपति, संसदीय समिति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय रक्षामंत्री, गृहमंत्री, रेलवे मंत्री को संयुक्त रूप से भारत के बढ़ते आधुनिकीकरण को देखते हुए सुरक्षा की तरफ ध्यान देना होगा. आज जबकि अमेरिका, रूस, चीन के बाद भारत का रेल नेटवर्क चौथे क्रमांक पर है. वैसे एशिया में भारत का रेलवे रूट 1,15,000 किलोमीटर है. जिसमें डबल ट्रैक दूरी 25034 किमी पर बंधी हुई है।
भारत की आधुनिक रेलवे की विद्युतीकरण लगभग 52,247 किलोमीटर की सीमा तक है. अब तक भारत में लगभग 3240 मेल,एक्सप्रेस रेल गाड़ियां तेज गति से दौड़ रही है. विगत दिनों भारत सरकार ने 18 विशेष ट्रेन की गति 140 किलोमीटर प्रति घंटे से 180 किलोमीटर प्रति घंटे तक कर दी है. इन प्रमुख ट्रैन में वंदे भारत की गति सबसे अधिक 180 किलोमीटर प्रति घंटा, गतिमान एक्सप्रेस की रफ्तार 160 किमी प्रति घंटा है। अन्य ट्रेन की गति 140 से 150 किलोमीटर प्रति घंटा है.
इन सबके अलावा भारत में करीब 9000 से अधिक पैसेंजर ट्रैन चल रही थी. उसमें से अधिकांश की फेरियां बंद कर दी गई है. या तो फिर फेरियां घटा दी गई है. विश्व में चीन का रेलवे ट्रैक 1,46,000 किलोमीटर है. जबकि चीन का डबल ट्रैक 83000 किलोमीटर है. चीन का इलेक्ट्रिफिकेशन ट्रैक भारत से दुगुना 1 लाख किलोमीटर है.चीन में ट्रैन की 24 पंक्ति है जबकि भारत में 20 पंक्ति है। उपरोक्त परिस्थिति को देखते हुए भारत में मंत्रालय स्तर पर देश के करोड़ों नागरिकों की सुरक्षा करना अत्यंत जरुरी है.