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राष्ट्रभाषा हिंदी का प्रयोग व्यवहार में भी हो : श्रीमती संगीता उपाध्ये


नागपुर/अहमदनगर। हमारे देश की राष्ट्रभाषा हमारी शान हैl हिंदी हमारी राष्ट्रीय एकता की प्रतीक है यह कहने के साथ साथ उसे प्रत्यक्ष व्यवहार में अपनाना चाहिए। इस आशय का प्रतिपादन श्रीमती संगीता उपाध्ये, उपनिदेशक अभियांत्रिकी, आकाशवाणी, अहमदनगर, महाराष्ट्र ने किया। विश्व हिंदी साहित्य सेवा संस्थान प्रयागराज, उ. प्र. के तत्वावधान में न्यू आर्टस, कॉमर्स एंड साइंस महाविद्यालय अहमदनगर, महाराष्ट्र में आयोजित 26 वें अधिवेशन (24 व 25 सितम्बर 2022) के समापन समारोह में वे अपना उद्बोधन दे रही थी। 

समारोह की अध्यक्षता डॉ. शहाबुद्दीन नियाज मुहम्मद शेख, अध्यक्ष, विश्व हिंदी साहित्य सेवा संस्थान, प्रयागराज, (उ. प्र.) पुणे, महाराष्ट्र ने की। मंच पर संस्थान के उपाध्यक्ष ओमप्रकाश त्रिपाठी, सोनभद्र, उ. प्र., संस्थान के सचिव डॉ. गोकुलेश्वर कुमार द्विवेदी प्रयागराज, उ. प्र., महाविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. हनुमंत जगताप तथा संस्थान के महाराष्ट्र प्रभारी डॉ. भरत शेणकर की गरिमामय उपस्थिति थी। श्रीमती संगीता उपाध्ये ने कहा कि पुरे विश्व में सर्वाधिक बोली जानेवाली भाषा हिंदी ही हैl 85.83 प्रतिशत भारतीयों द्वारा बोली व समझी जानेवाली भाषा हिंदी संपर्क भाषा के रूप में विराजित हैl 

प्रारंभ में  महाविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो.डॉ. हनुमंत जगताप ने प्रास्ताविक में सभीं उपस्थितों का स्वागत करते हुए महाविद्यालय की गतिविधियों पर प्रकाश डालाl संस्थान के सचिव डॉ. गोकुलेश्वर कुमार द्विवेदी, प्रयागराज, उ. प्र. ने दो दिवसीय अधिवेशन की समग्र सफलता पर संतोष व्यक्त करते हुए अहमदनगर जिला मराठा विद्या प्रसारक समाज के सभी पदाधिकारी, न्यू आर्ट्स कॉमर्स एंड साइंस महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.भास्कर झावरे, हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. हनुमंत जगताप, उनके सहयोगी प्रो. अशोक गायकवाड, डॉ. सुनिता मोटे, डॉ. ज्ञानेश्वर कोल्हे  के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किएI 

डॉ.शहाबुद्दीन नियाज मुहम्मद शेख, पुणे, महाराष्ट्र ने अध्यक्षीय समापन मे कहा कि विश्व हिंदी साहित्य सेवा संस्थान प्रयागराज (उ.प्र.) हिंदी के प्रचार-प्रचार व विकास के लिए निरंतर कटिबद्ध है। सहज व सुगम हिंदी में अद्भुत शक्ति है। अन्य भाषाओं के शब्द पहचानने की शक्ति मात्र हिंदी में हैंI 

इस अवसर पर विश्व हिंदी साहित्य सेवा संस्थान के सक्रिय सदस्यों को प्रतीक चिन्ह, प्रशस्तिपत्र व शॉल से गौरवान्वित किया गया। जिनमें प्रमुखत: संस्थान के सचिव डॉ. गोकुलेश्वर कुमार द्विवेदी, प्रयागराज, उ.प्र. को  महाराष्ट्र इकाई की ओर से अभिनंदन पत्र, संस्थान के अध्यक्ष शहाबुद्दीन नियाज मुहम्मद शेख, पुणे, महाराष्ट्र को संस्थान की ओर से विहिसा-सरताज 2022, संस्थान के उपाध्यक्ष ओमप्रकाश त्रिपाठी, सोनभद्र, को संस्थान गौरव- 2022, प्रो. डॉ. हनुमंत जगताप,अहमदनगर, महाराष्ट्र को संस्थान गौरव- 2022, डॉ. सरस्वती वर्मा, महासंमुद( छ.ग.) को विहिसा श्री- 2022, डॉ. रश्मी चौबे, गाजियाबाद, उ. प्र. को संचालक श्री- 2022 तथा रजत श्री- 2021, डॉ. मुक्ता कान्हा कौशिक, रायपुर, छत्तीसगढ को आयोजक श्री- 2022 तथा सर्वोत्कृष्ट इकाई छत्तीसगढ इकाई सन्मान- 2022, महाराष्ट्र प्रदेश के प्रभारी डॉ.भरत शेणकर, राजूर, महाराष्ट्र को अहमदनगर अधिवेशन में सक्रिय योगदान हेतू सन्मान चिन्ह तथा प्रो. डॉ. अशोक गायकवाड, डॉ. सुनीता मोटे, डॉ. ज्ञानदेव कोल्हे, एवं डॉ. सुनीता यादव को प्रतीक चिन्ह से गौरवान्वित किया गया। सत्र  के संयोजन में मुक्ता कान्हा कौशिक, रायपुर, (छ.ग.) तथा डॉ. सुनिता मोटे का सहयोग रहा। 

इसके बाद काव्य पाठ हुआ, सभी प्रतिभागियों ने अपनी कविताएं  सुनाई। सचिव गोकुलेश्वर कुमार द्विवेदी का उत्तम संचालन रहा। प्रदेश प्रभारी डॉ. भरत शेणकर ने हार्दिक आभार प्रकट किये।
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