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हिंददेश परिवार छत्तीसगढ़ इकाई का भवतु मंगलं जन्मदिनम्


नागपुर। आज का युग भागदौड़ और आपाधापी का युग है। ऐसे में साहित्य और अध्यात्म की साधना करना अपने आप में मन को शान्ति प्रदान करता है। ऐसी ही साधना हेतु प्रuतिबद्ध हिंददेश परिवार छत्तीसगढ़ इकाई का गठन 14 अक्टूबर 2021 को हुआ था। एक वर्ष पूर्ण होने पर अध्यक्षा रंजना श्रीवास्तव के संयोजन में हिंददेश परिवार छत्तीसगढ़ इकाई की प्रथम वर्षगाँठ का आयोजन *विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन* के साकेत सभागृह में 16 अक्टूबर 2022 की सुबह 10:00 बजे किया गया।

कार्यक्रम का प्रारम्भ दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। अधीक्षक गौरी कनोजे ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। सभी अतिथियों का स्वागत स्मृति चिह्न व पौधे देकर किया गया जो आज पर्यावरण के प्रति सबकी एक नैतिक जिम्मेदारी है। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. सागर खादीवाला ने की और अपनी शुभकामनाएँ दीं। छत्तीसगढ़ इकाई की उपाध्यक्षा अंजू भूटानी, प्रभारी हिमद्युति श्रीवास्तव और हिंददेश परिवार के महाप्रभारी डॉ. मधुकर राव लारोकर 'मधुर' भी मंचासीन थे। कार्यक्रम का संचालन अविनाश बागड़े ने किया तथा निरन्तर एक ऊर्जा बनाए रखी।

संस्था की अध्यक्षा रंजना श्रीवास्तव ने संस्था के उद्देश्यों व विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी तत्पश्चात् प्रभारी हिमद्युति श्रीवास्तव ने इकाई के पदाधिकारियों का परिचय करवाया।

इस अवसर पर सह-सचिव तनवीर ख़ान द्वारा संचालित 'मेरी कलम मेरा कलाम' शीर्षक के अन्तर्गत आयोजित कवि सम्मेलन में टीकाराम साहू 'आज़ाद', अनिल मालोकर, सुधा राठौर, धृति बेडेकर, अविनाश बागड़े तथा आदेश जैन ने अपनी प्रतिनिधि कविताओं व प्रस्तुतियों से समां बाँध दिया। कार्यक्रम में प्रकाशक मित्रों में से 'पॉवर ऑफ वन' के संपादक नीरज श्रीवास्तव और 'राष्ट्रपत्रिका' के संपादक कृष्ण नागपाल उपस्थित थे।

कार्यक्रम के अन्तिम चरण में सह-प्रभारी माधुरी मिश्रा 'मधु' और कार्यकारिणी-समन्वयक अनुजा दुबे 'पूजा' के संचालन में उपस्थित मित्रों को प्रमाणपत्र प्रदान किया गया तत्पश्चात् आभार प्रदर्शन की जिम्मेदारी पंचपरमेश्वरी अलका श्रीवास्तव ने निभाई।
हिंददेश परिवार की संस्थापिका और अध्यक्षा डॉ. अर्चना पाण्डेय 'अर्चि' ने अपने बधाई संदेश में कहा कि छत्तीसगढ़ इकाई ने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से बहुत ही कम समय में अपनी अलग पहचान बना ली है। एक वर्ष में सम्पन्न इकाई की विभिन्न गतिविधियों के अन्तर्गत 'त्रिसत्रीय कवियों की चौपाल' का आयोजन, अमृत महोत्सव को समर्पित '75 दिवसीय पौराणिक कथा कथन' में पुराणों के पृष्ठ पलटे गए, '75 दिवसीय श्रोत्ररसायनकर्णामृत' के माध्यम से भारतीय संस्कृति और महान मनीषियों को स्मृति पटल पर अंकित किया गया। जन जागरण के लिए '75 दिवसीय मृत्योर्मामृतं गमय' का आयोजन किया गया।
हिंददेश परिवार छत्तीसगढ़ इकाई नैतिक मूल्यों के एक एक पुष्प चुनकर माला तैयार करने में संलग्न है। खुशबू सर्वत्र फैलती जा रही है।.

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