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आजाद हिंद सेना स्थापना दिवस मनाया गया


नागपुर/सावनेर। स्थानीय अरविंद इंडो पब्लिक स्कूल, हेती (सुरला) सावनेर में आजाद हिंद सेना स्थापना दिवस कार्यक्रम मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ स्कूल के प्राचार्य राजेंद्र मिश्र ने आजाद हिंद सेना के संस्थापक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर, दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्राचार्य राजेंद्र मिश्र ने कहा कि आजाद हिंद फौज एवं इसके संस्थापक नेताजी सुभाष चंद्र बोस के अमूल्य योगदान को भुला पाना आसान कार्य नहीं है। 


उल्लेखनीय है कि 30 दिसंबर 1943 को पहली बार नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने पोर्ट ब्लेयर के  रॉस द्वीप में आजाद हिंद फौज का झंडा फहराया था। अब इस स्थान को सुभाष द्वीप कहा जाता है। गत वर्ष 30 दिसंबर 2018 को 75 वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां ध्वजारोहण किया था। एक ओर जहां आजाद हिंद फौज को तीन ब्रिगेड सुभाष बिग्रेड, गांधी बिग्रेड एवं नेहरू बिग्रेड के साथ-साथ महिला रेजीमेंट को लक्ष्मीबाई रेजिमेंट नाम दिया गया वहीं नेता जी की फौज में निचले स्तर पर सैनिकों की भर्ती पहला अभियान पंजाब में ही शुरू किया गया जिसे जनरल हरबख्श सिंह ने संभाला। 


जापान के युद्ध बंदी भी इस सेना का हिस्सा बन गए, क्योंकि जापान का मानना था कि भारतीय भी अंग्रेजों की गुलामी झेल रहे हैं ।देखते ही आजाद हिंद सेना में 80 हजार सैनिकों की भर्ती हो गई। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान आजाद हिंद फौज के मुख्य सेनानी कर्नल सहगल ढिल्लो सहित कई अधिकारियों के विरुद्ध अंग्रेजों ने राजद्रोह का मुकदमा चलाया। आजाद हिंद फौज ने भारत की आजादी की जंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सुभाष चंद्र बोस की मौत की गुत्थी एक अबूझ पहेली ही बनी रही  धीरे-धीरे प्रमुख सेनानियों की भी मृत्यु हो गई लेकिन आजाद हिंद फौज की स्मृतियां समाप्त नहीं हुई और न हो पाएंगी। सभी विद्यार्थियों ने स्मृति दिन कार्यक्रम में सकारात्मक भागीदारी की। डॉ. आशीष देशमुख, कार्यकारी अध्यक्ष अरविंद बाबू देशमुख प्रतिष्ठान ने स्कूल के उपक्रम की सराहना की।
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