भारतीय मुद्राओं, प्रतिमाओं की सुरक्षा के लिए बड़े बदलाव की जरुरत
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नागपुर (आनन्दमनोहर जोशी)। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत कई नेता भारतीय मुद्राओं पर भगवान्, नेताओं की फोटो छापने की सलाह और सुझाव देते रहे हैं.
संविधान में देश के नेता, न्यायाधीश पदारूढ़ होने से पहले देश की एकता, अखंडता और शांति की शपथ लेते है. समय समय पर राज करने वाले राजा, महान व्यक्तियों के चित्र भी नोटों और मुद्राओं पर पूर्व में छपे है. मौजूदा समय में विश्व स्तर पर बदलाव हो रहे है. देश में जहाँ चौक, चौराह पर स्थापित महान विभूतियों की प्रतिमाओं का अपमान होता है.
जिससे स्थानीय के साथ राष्ट्रीय शांति, एकता, अखंडता भंग होने की सम्भावना बनी रहती है. पूर्व में भी अनेक समय भारत के महान विभूतियों का अपमान हो चुका है. जो की देश की अदालतों में 75 वर्ष से पंजीकृत अपराध दर्ज है. इसके बावजूद भी हमारे देश में चौराहों पर सम्माननीय विभूतियों के पुतले सार्वजानिक स्थानों पर लगे हुए है.
आधुनिक युग में गूगल, मोबाइल में देश के महान नेताओं के चित्र, उनकी जीवनी कुछ ही सेकंड में पढ़ ली जाती है. अब जरुरत है, भारत की मुद्राओं पर व्यक्तिगत मनुष्य, देवी देवताओं के चित्र को नहीं छापने की. भारत की पुरातन मुद्राओं को सहेजकर रखने और उसका सम्मान रखना जरुरी है.
आज भारतीय मुद्राओं पर ऐतिहासिक स्मारक, राष्ट्रिय पशु, राष्ट्रिय धरोहर के चित्र, मंगलयान और वैज्ञानिक अनुष्ठान, वैज्ञानिक यंत्र के फोटो मुद्रित करने की जरुरत है इससे देश गौरव बढ़ेगा. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत देश की संस्कृति, वैज्ञानिक अनुसन्धान की ख्याति की सभी को जानकारी मिलेगी. धार्मिक, राजनितिक, व्यक्तिगत कटुता नहीं बढ़ेगी.
देश तरक्की के मार्ग पर अग्रसर होगा. आज विश्व में वस्तुओं, मुद्राओं, देवी देवताओं, राजनितिक हस्तियों के प्रकाशित मुद्रित औरा स्थापित प्रतिमाओं का आये दिन अपमान होता है। साथ ही सार्वजानिक स्थानों पर स्थापित प्रतिमाओं पर बरसात,तूफान, पक्षियों के बैठने से भी विभूतियों के व्यक्तिगत मान सम्मान को ठेस पहुँचती है.
उसी तरह मुद्राओं पर प्रकाशित सामग्रियॉं के अपमान होने से देश की एकता, अखंडता, शांति को ख़तरा उत्पन्न होता है. अतः भारत ही नहीं विश्व शांति के लिए सम्पूर्ण दुनिया में बड़े बदलाव की जरुरत है.