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उल्हासित कर गया कवि सम्मेलन



नागपुर। हिंदी पखवाड़ा अंतर्गत बुधवार 28 सितंबर को कार्यालय महालेखाकार (ले व ह)-2 महा. नागपुर के एम. पी. सभागृह में देश के जाने माने कवियों को आमंत्रित किया गया। सर्वप्रथम कल्याण अधिकारी धनराज चौहान इनके हाथों सभी कवियों का स्वागत किया गया तथा उसके बाद सुषमा काले इन्होंने सभी कवियों का परिचय दिया। कवि सम्मेलन के मंच संचालन की जिम्मेदारी उज्जैन से आए प्रख्यात कवी अशोक भाटी पर सौपी गई जिसे उन्होंने अपने व्यंग शैली से बखूबी निभाया। 

नागपुर की कवियत्री डॉ वसुंधरा राय ने शारदा वंदना प्रस्तुत कर बाद ने श्रृंगार रस की कविताएं प्रस्तुत की इनके बाद नागपुर के ही कवी डॉ शरद सुनेरी इन्होंने भारत मां को वंदन करते हुए वीर रस की एक से बढ़कर एक कविताएं प्रस्तुत की जैसे 'जन्म लेकर सब मरते हैं यहां पर शहीदों की कभी मौत नहीं होती' रतलाम मध्य प्रदेश से आए कवि राकेश शर्मा ने हास्य रस की कई प्रस्तुतिया दी जैसे मेरे सपने में जंगल जंगल में झोपड़ा, झोपड़े में मेरे संग प्रियंका चोपड़ा आदि चित्तौड़गढ़ से आए गीतकार एवं कवि रमेश शर्मा इन्होंने स्वरचित कई गीत प्रस्तुत किए जिसमें मां बेटी का रिश्ता, प्रेमिका को शहर से ज्यादा अच्छा गांव इस तरह के विषय पर विविध गीत प्रस्तुत किए जिससे सभागृह का वातावरण भाऊक हो गया जिसके लिए पूरे सभागृह ने खड़े होकर उनके लिए तालियां बजाई। 

अंतिम प्रस्तुती अशोक भाटी ने प्रस्तुत की जिसमें उन्होंने अपनी अनेक हास्य रस की कविताएं प्रस्तुत कर सभी को हसाकर लोट पोट कर दिया और अंत में सामाजिक संदेश देते हुए 'कहां जो नहीं करते सम्मान अपने माता पिता का उनके घर की तुलसी भी आंगन छोड़ देती है' अंत में हिन्दी अधिकारी प्रशांत कपाले इन्होंने भी अपनी एक कविता प्रस्तुत की। महालेखाकार प्रवीर कुमार इन्होंने पूरे कवि सम्मेलन का आनंद लिया तथा अपने संबोधन से सभी कवियों का अभिनंदन कर इस आयोजन की प्रशंसा की। 

आभार प्रदर्शन अनिल सिंह इन्होंने किया। इस आयोजन को सफल बनाने के लिए कार्यालय के कई अधिकारी तथा कर्मचारियों का सहयोग प्राप्त हो रहा हैं। पखवाड़े का अंतिम चरण यानी पुरस्कार वितरण समारोह 30 सितंबर को दोपहर 2:30 बजे आयोजित किया गया है।
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