उभरते सितारे में 'अनेकता में एकता का दर्पण'
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नागपुर। नवोदित कलाकारों के लिए समर्पित, विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन का उपक्रम उभरते सितारे। जिसके अंतर्गत 'अनेकता में एकता का दर्पण' थीम पर शानदार कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें बच्चों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।
यसर्वप्रथम ब्यूटीशियन, कॉस्मेटोलॉजिस्ट एक्यूपंचर तज्ञ वैशाली नाइक का स्वागत सह संयोजिका वैशाली मदारे ने किया और इसी क्रम में शहर के प्रतिभाशाली युवा सेक्सोफोन वादक कलाकार निलेश गवई का स्वागत संयोजक युवराज चौधरी ने किया। कार्यक्रम में कुछ बच्चों ने थीम पर आधारित अपने विचार भी रखने का प्रयास किया।
कार्यक्रम की प्रस्तावना में संयोजक युवराज चौधरी ने अनेकता में एकता का दर्पण इस विषय पर विस्तृत जानकारी रखी। जिसमें उन्होंने बताया कि आज दर्शन की जगह दर्पण को विशेष महत्व दिया जाना है। दूसरों में कहीं अच्छा देखने की जगह हम खुद दर्पण में अपने आपको देखें और मैत्रीपूर्ण भाव से सकारात्मकता को आनंद और उल्लास के साथ अपने जीवन में उतारने का प्रयास करें ताकि अनेकता में एकता का प्रतिबिंब हम खुद दर्पण में देखते हुए जीवन को साकार करें।
तत्पश्चात, भव्या अरोरा, निमिक्षा वैरागडे, मोहम्मद शहज़ाद, विनायक चिंचोलकर, आनंद डोंगरे, विद्यावती सीडाना, वंशिका नाईक ने खूबसूरत गीतों से समा बांध दिया।
भव्या अरोरा, निमिक्षा वैरागडे और संस्कृति डाहाके ने बहुत ही सुंदर नृत्य की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में युवा कलाकार निलेश गवई ने सेक्सोफोन वाद्ययंत्र पर कुछ गीतों को प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया।
इस अवसर पर नवोदित कलाकारों को सीमा लूहा, हेमा पाहुजा, डॉ. शालिनी तेलरांधे, देवस्मिता मानस पटनायक, बाबा खान, महेंद्र आगरकर, रौनक रुंगटा, नंदिनी सुदामल्ला आदि ने बच्चों को बहुत सराहा।
कार्यक्रम में प्रशांत शंभरकर ने सहयोग किया। कार्यक्रम का संचालन संयोजक युवराज चौधरी और वैशाली मदारे ने किया। कार्यक्रम का आभार कृष्णा कपूर ने अपने शब्दों में व्यक्त किया.