रक्तदाता की आयुसीमा में बदलाव जरूरी : सतीजा
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नागपुर। हर वर्ष 1 अक्टूबर को राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस मनाया जाता है. बेशक रक्तदान को प्रोत्साहन देने हेतु विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं, फिर भी अभी भी काफी गुंजाइश है.
रक्तदान के क्षेत्र में निरंतर सेवारत देवता सेवा संघ के प्रथम देवदूत आचार्य नरेंद्र सतीजा ने शासन का ध्यान रक्तदाताओं की आयु सीमा की ओर किया है. दरअसल अनेक देशों में रक्तदान हेतु आयुसीमा 16 से 75 वर्ष है और वर्ष में 8 बार रक्तदान करने की अनुमति है. वहीं दूसरी ओर हमारे देश में यह 18 से 65 वर्ष है और वर्ष में 4 बार ही रक्तदान की अनुमति है.
इसका बडा परिणाम रक्तदान पर पड रहा है. आयुसीमा में बदलाव से रक्तदान की संख्या को बढ़ाया जा सकेगा. दरअसल यह नियम पुराने हैं जब हमारी इम्युनिटी कमजोर सम़झी जाती थी लेकिन अब परिस्थितियों में बदलाव आया है.
जरूरी है कि राष्ट्रीय रक्त संक्रमण परिषद इस ओर ध्यान देकर समयोचित बदलाव करे. सतीजा ने रक्तदाताओं एवं रक्तदान क्षेत्र के कार्यकर्ताओं का अभिवादन किया है. जाहिर है कि रक्तदाता ही जीवनदाता है.