भारत का सिंगापूर बन सकता है नागपुर शहर
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नागपुर (आनन्दमनोहर जोशी)। वर्तमान समय में शहर की सड़कों, पुलों के निर्माण कार्य तेज गति से किये जा रहे है. लोहापुल परिसर के गोस्वामी तुलसीदास चौक के पास रेलवे पुलिया के नीचे भूमिगत मार्ग के कार्य बड़ी तेज गति के साथ किये जा रहे है. उसी तरह राम झूला से आगे जयस्तंभ चौक से कस्तूरचंद पार्क, जीवन बीमा कार्यालय के पास, नागपुर किले के पास पुलिया के कार्य शुरू है.
उत्तर और मध्य नागपुर को जोड़नेवाले ब्रिज का कडवी चौक, मोतीबाग से मोमीनपुरा रोड का कार्य भी गत अनेक माह से शुरू है.वहीँ दूसरी और पूर्व वर्धमान अगर से प्रजापति चौक हल्दीराम फूड्स इंटरनेशनल कार्यालय तक के कार्य भी बड़ी तेजी से किये जा रहे है.
प्रजापति नगर चौक से पार्दी रोड के कार्य भी सुचारू रूप से शुरू है लेकिन स्मार्ट सिटी के अन्य कार्य नहीं होने से नागपुर शहर का विकास कुछ स्थानों पर रुका हुआ है. प्रमुख रूप से सेंट्रल एवेन्यू रोड मेट्रो के अनेक स्टेशन बनकर तैयार होने के बाद भी यहां मेट्रो रेल आरम्भ नहीं हुई है.जबकि मेट्रो ट्रैन के अनेक बार ट्रायल लिए जा चुके है. विश्व में युक्रेन और रूस के युद्ध भी शुरू है.
ऐसे समय नागपुर से काम्पटी की सड़कें भी दुरुस्त नहीं हुई. नागपुर को भारत का सिंगापूर बनाना है है तो विकास की गति तेज करके स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को जल्दी पूर्ण करना होगां. जहाँ पूर्व में वर्ष 2004 में पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख के कार्यकाल में नागपुर को सूंदर नागपुर बनाया गया था. 18 वर्ष पूर्व बनाई गई सड़कें ख़राब हो चुके है नागपुर में स्वच्छता का अभाव है. जहाँ सिंगापूर का घनत्व 739 वर्ग किमी है.
भारत के नागपुर का घनत्व 393 वर्ग किमी है. नागपुर को गोंदिया, भंडारा, वर्धा, रामटेक, सावनेर, काटोल से जोड़कर घनत्व को बढ़ाना होगा तब कहीं भारत के सिंगापूर का स्वप्न साकार होगा. नागपुर के उद्योजकों, व्यापारियों, केंद्रीय मंत्री, सांसदों, विधायकों को नए सिरे से पहल करनी होगी.
केंद्र सरकार को भी स्मार्ट सिटी के कार्यों को प्राथमिकता देना होगा. सुप्रसिद्ध उद्योगपति श्री शिवकिशन अग्रवाल का कहना है कि नागपुर शहर में पुणे की तरह आईटी हब बनना जरुरी है. तभी अनेक युवाओं को रोजगार मिल सकता है. और भारत के नागपुर को सिंगापूर शहर की तरह बनाया जा सकता है.