खामला में दसमहाविद्या की तैयारियां
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नागपुर। नवरात्रि मे प्रथम दिन दक्षिणा कालिका, दूसरे दिन तारा देवी, तीसरे दिन छिन्नमस्ता देवी, चौथे दिन त्रिपुरा सुंदरी, पांचवे दिन त्रिपुरा भैरवी, छठे दिन कमलात्मिका, सातवे दिन धूमावती देवी, आठवे दिन बगलामुखी देवी, नवे दिन भुवनेश्वरी देवी, दसवें दिन राजमतंगी देवी के रूप में पूजा की जाएगी। माता कालिका के अनेक रूप हैं, सभी रूपों की अलग अलग पूजा और उपासना पद्धतियां हैं.
खामला वाली माता मंदिर में सिंध माता मंडल के महासचिव प्रकाश तोतवानी के मार्गदर्शन में शिव खोड़ी की गुफा यात्रा के आयोजन के साथ दशमहाविद्यान्तर्गत भगवती दक्षिणा काली (दक्षिण काली) की उपासना की जाएगी। काली ही अपने दक्षिण और वाम रूप में प्रकट हुई और दस महाविद्याओं के नाम से विख्यात हुई।
कराली, विकराली, उमा, मुञ्जुघोषा, चन्द्र-रेखा, चित्र-रेखा, त्रिजटा, द्विजा, एकजटा, नीलपताका, बत्तीस प्रकार की यक्षिणी, तारा और छिन्नमस्ता ये सभी दक्षिण कालिका के स्वरुप हैं। दशमहाविद्या की पूजा माताजी के उपासक गरुड़द्री ज्वालामुखी भास्कर आनंद शर्मा के द्वारा नवरात्रि में हर दिन विभिन्न रूप से पूजा की जाएगी।
कार्यक्रम मे उषा लोकेश नांदेड़कर, निताली तगड़े, विजय कुमार अय्यर, अभय खोंड, पीआर भोस्करा, जयेश इंगोले, वैशाली, तेजस्विनी, सुनीता पटाकी का सहभागिता रहेगी. नवरात्र में प्रतिदिन माताओं के सुंदर श्रृंगार कर आराधना की जाएगी।