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वीएसएसएस ने मनाया विश्व हिंदी दिवस



नागपुर। पूरे विश्व के सिंधी समाज का प्रतिनिधित्व करने वाला एकमात्र संघठन विश्व सिंधी सेवा संगम महाराष्ट्र टीम ने 14 सितंबर को विश्व हिंदी दिवस मनाया महाराष्ट्र अध्यक्ष प्रताप मोटवानी ने इस अवसर पर शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ी वी एस एस एस की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ हिना मुनियार का शॉल श्रीफल देकर सम्मानित किया। 

इस अवसर पर वी एस एस एस महाराष्ट्र महिला टीम की महासचिव साक्षी थारवानी और नागपुर युवा टीम के महासचिव हितेश जेसवानी ने भी डॉ हिना मुनियार का सत्कार किया, मोटवानी ने विचार प्रकट कर कहा कि इस दिवस को पहली बार वर्ष 2006 में 10 जनवरी, 1975 को नागपुर में आयोजित पहले ‘विश्व हिंदी सम्मेलन’ की वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में मनाया गया था। यह ‘राष्ट्रीय हिंदी दिवस’ से अलग है।

यह दिवस दुनिया के विभिन्न हिस्सों में स्थित भारतीय दूतावासों द्वारा भी मनाया जाता है।
विश्व हिंदी सचिवालय भवन का उद्घाटन वर्ष 2018 में मॉरीशस में किया गया था।

राष्ट्रीय हिंदी दिवस: देवनागरी लिपि में हिंदी को 14 सितंबर, 1949 को भारत गणराज्य की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया गया था। इसलिये हर वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
काका कालेलकर, मैथिली शरण गुप्त, हजारी प्रसाद द्विवेदी, सेठ गोविंददास ने हिंदी को राजभाषा बनाने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया।
हिंदी आठवीं अनुसूची में शामिल भाषा भी है।
अनुच्छेद 351 'हिंदी भाषा के विकास के निर्देश' से संबंधित है। 

हिंदी को बढ़ावा देने हेतु सरकार की पहल: वर्ष 1960 में केंद्रीय हिंदी निदेशालय की स्थापना भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के तहत की गई थी। भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद ने विदेशों में विभिन्न विदेशी विश्वविद्यालयों/संस्थानों में 'हिंदी पीठ' की स्थापना की है। लीला (LILA) - राजभाषा (लर्निंग इंडियन लैंग्वेजे थ्रू आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) हिंदी सीखने के लिये एक मल्टीमीडिया आधारित स्व-शिक्षण अनुप्रयोग है।

ई-सरल हिंदी वाक्य कोष  और ई-महाशब्दकोश मोबाइल ऐप  राजभाषा विभाग की दो पहलें है जिनका उद्देश्य हिंदी के विकास के लिये सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग करना है।
राजभाषा गौरव पुरस्कार और राजभाषा कीर्ति पुरस्कार हिंदी में योगदान हेतु प्रदान किये जाते हैं।

हिंदी भाषा को अपना नाम फारसी शब्द ‘हिंद’ से प्राप्त हुआ है, जिसका अर्थ है 'सिंधु नदी की भूमि'। 11वीं शताब्दी की शुरुआत में तुर्की के आक्रमणकारियों ने सिंधु नदी के आसपास के क्षेत्र की भाषा को हिंदी यानी 'सिंधु नदी की भूमि की भाषा' नाम दिया।
यह भारत की राजभाषा है, अंग्रेजी दूसरी अन्य राजभाषा है। 

भारत के बाहर कुछ देशों में भी हिंदी बोली जाती है, जैसे मॉरीशस, फिजी, सूरीनाम, गुयाना, त्रिनिदाद और टोबैगो तथा नेपाल में।
मोटवानी ने हिंदी भाषा को देश सहित विदेशों में भी प्रमोट करने की बात कही। कार्यक्रम का संचालन साक्षी थारवानी ने किया, आभार हितेश जेसवानी ने किया 
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