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कितना भी बड़ा अधिकारी बनें पर पहले मनुष्य बनें : सुकेशिनी तेलगोटे


समाज कल्याण विभाग एवं आठवले कॉलेज का व्यक्तित्व विकास पर कार्यशाला का आयोजन

नागपुर व्यक्तित्व विकास करके आईएएस, आईपीएस या कितना भी बड़ा अधिकारी बन जाएं, उससे पहले मनुष्य बनें। जिस प्रकार एक बूंद पानी सीप में जाकर मोती बनता है। 

उसी प्रकार विद्यार्थियों ने भी अच्छे लोगों की संगत करनी चाहिए। उन्होंने कहा की सुसंगती सदा भली होती है। समाज में कई बाधाएं आएंगी, घबराने की जरूरत नहीं। परिस्थिति पर मात करके बाधाओं को पार करना होगा। हीरे को जैसे तरासा जाता है,वैसे ही अपने आप को तरासना होगा। यह विचार समाज कल्याण विभाग, भंडारा की सहायक आयुक्त सुकेशिनी तेलगोटे ने व्यक्त किया। 

व्यक्तित्व विकास पर आयोजित कार्यशाला में उन्होंने कहा की व्यक्तित्व विकास के लिए ईमानदारी और गुणवत्ता होनी चाहिए। आपने आप को साबित करना होगा तभी सफलता मिलेगी।

समाज कल्याण विभाग, भंडारा तथा आठवले कॉलेज ऑफ सोशल वर्क, भंडारा के संयुक्त तत्वावधान में 29 सितंबर को सुबह 11.30 बजे आठवले कॉलेज ऑफ सोशल, भंडारा के सभागृह में व्यक्तित्व विकास पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर प्रमुख वक्ता के रूप में शिवाजी-आंबेडकर- विवेकानंद विचार के प्रसिद्ध वक्ता श्री नितिन कारेमोरे, समाज कल्याण विभाग, भंडारा की सहायक आयुक्त श्रीमती सुकेशिनी तेलगोटे उपस्थित थीं। अध्यक्षता महाविद्यालय की 

कार्यकारी प्राचार्या डॉ. सरला शनवारे ने की। प्रमुख रूप से कार्यशाला के संयोजक डॉ.हेमंत देशमुख, प्रा.अमोलसिंह रोटेले, कार्यक्रम अधिकारी डॉ. नरेश कोलते उपस्थित थे।

इस अवसर पर अतिथियों के हाथों दीप प्रज्वलन किया गया। इस दौरान सहायक आयुक्त श्रीमती सुकेशिनी तेलगोटे एवं श्री नितिन कारेमोरे को शाल, श्रीफल व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। 
प्रमुख वक्ता नितिन कारेमोरे ने अपने विचार व्यक्त करते हुए विद्यार्थियों को व्यक्तित्व की संकल्पना को दृष्टांतों के माध्यम से समझाया। उन्होंने अपनी अद्धभुत शैली में विद्यार्थियों को बताया की नरेंद्र दत्त जी सिर्फ भगवान है क्या, इस प्रश्न को लेकर निकले और स्वामी विवेकानंद हो गए। ऐसे ही विद्यार्थियों को लक्ष्य निर्धारित कर मंजिल को पाना होगा। 

कार्यशाला का कुशल संचालन प्रियदर्शिनी डीएड महाविद्यालय, भंडारा की प्राचार्या आम्रपाली भिवगड़े ने किया। आभार प्रदर्शन डॉ.हेमंत देशमुख ने किया। 

कार्यशाला में डॉ. चंद्रशेखर मालविया, डॉ.रवि चंदेल, डॉ. मधुकर निकम, प्रा.सुनील उइके, डॉ.ज्योति नाकतोड़े, डॉ. सुरेखा पाटिल, 

डॉ. चंदू पाटिल, डॉ.देवेंद्र सोनटक्के, डॉ.आरती पवार, प्रा.शिवकुमार बावनकुले, प्रा.अर्चना सेंगर, प्रा.गणेर, अधीक्षक दिलीप पटले, अकाउंटेंट डॉ. विनोद क्षीरसागर, लाइब्रेरियन राजकुमार ठवरे,सहायक इंद्रजीत आमटे, प्रफुल्ल आप्टे, प्रभाकर मेश्राम, पंकज ठाकरे, भाऊदास मलेवार, प्रतिभा टेंभूर्णिकर, डॉ. नंदकिशोर, कर्मचारी तथा काफी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे।
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