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वाहनों की गति पर नियंत्रण से ही होंगी सुरक्षा


स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव पर यातायात व्यवस्था  में सुधार जरुरी 

नागपुर (आनन्दमनोहर जोशी)। वर्तमान में हम सभी देशवासी आधुनिक युग में प्रवेश कर चुके है. लेकिन भारत लाखों नागरिकों के गावों,देहात का देश है. जहाँ सड़कें,रेलगाड़ी की पटरियां ग्रामीण,शहरी इलाकों के मध्य से होकर निकलती है. आज भी लाखों भारतीय नागरिकों के पास न तो कार है और न ही दोपहिया वाहन है. 

जब भारत के ग्रामीण नागरिक पैदल यात्रा कर रहे होते है. तब उन्हें भारत की रेल पटरियां और सड़कों को पार करने के लिए असुविधाओं का सामना करना पड़ता है. वैसे तो कुछ वर्षों से भारत सरकार के रेल मंत्रालय ने शहर, गावों में पटरियों के पास दीवारों का निर्माण किया है. 

लेकिन भारत कृषि आधारित देश होने से यहाँ के खेत, खलिहान रेलवे लाइन, राष्ट्रिय सड़क मार्गों से भी जुड़े हुए है. अब जबकि भारत आधुनिक युग में भारत का 75 वर्ष पूर्ण होने पर अमृत महोत्सव मना रहा है भले ही भारत ने तरक्की कर ली हो। लेकिन आज भी सड़क, रेलवे की पटरियों पर असुविधाओं के चलते निर्दोष व्यक्तियों की जान जा रही है. 

महामार्गों के पास बहुसंख्यक आबादी होने पर भी वाहनों, रेलवे की बेहताशा गति बढ़ा दी गई है. भारत के अनेक शहरों की सड़कों की हालत बेहद ख़राब और चिंताजनक है. सड़कों पर हज़ारों गहरे गड्ढे बन जाने के बाद भी सड़कों का पुनर्निर्माण नहीं किया गया है. इसका एक उदाहरण भारत के नागपुर का लॉ कॉलेज रोड से अमरावती महामार्ग है. 

जहाँ हजारों गढ्डे के होते हुए उसपर से रोजाना लाखों नागरिक अपनी जान को जोखिम में डालकर आवागमन कर रहे है. जबकि भारत में दिल्ली, मुंबई की सड़कें आठ लाइन हो चुकी है. वाहनों में जहां 100 की स्पीड का मीटर हुआ करता था. वहाँ अब एक सौ पैंतीस की गति से वाहन बेखौफ दौड़ रहे है. सड़क परिवहन मंत्रालय से तेज गति से वाहन चलाने की खुली छुट वाहन चालकों को मिल चुकी है. 

यही नहीं रेलवे ट्रेन की गति भी 170 किलोमीटर प्रति घंटा की गई है. भारत जरूर तरक्की कर चुका है. लेकिन जापान,अमेरिका, फ्रांस, चीन देश की सड़कों ,रेलवे जैसे पर्याप्त बुनियादी ढांचे से कोसों दूर है. हाल ही मे प्रसिद्ध उद्योगपति साइरस मिस्त्री की तेज गति वाहन दुर्घटना में हुई बेसमय हुई दुर्घटना में मृत्यु से भारत सरकार को वाहनों की और रेलगाड़ियों की  बढ़ाई गई तेज गति  पर नियंत्रण करना अत्यंत आवश्यक है. 

रेल लाइन ट्रैक, स्टेशन, गेट, गेटमैन, गुमटी व्यवस्था को दुरुस्त करना होंगा. राष्ट्रीय महामार्ग की सड़कों पर विशेष कार्यबल यातायत पुलिस अधिकारियो को चौकियों पर तैनात किया जाना चाहिए. महामार्गों की सड़कों के पास दुर्घटना में जख्मी वाहनचालकों के लिए सुविधाजनक अस्पताल, ड्राइवर, कंडक्टर, यात्रियों के लिए शौचालय, टॉयलेट्स, खानपान की सुविधाएं भी होनी जरुरी है. 

आज भारत के राष्ट्रीय स्तर पर ट्रांसपोर्ट,राज्य परिवहन की बसों, निजी बसों, ट्रकों से यात्रा कर रहे यात्रियों को सुबह, रात्रि में जंगल, झाड़ियों में टॉयलेट, खुले में शौच करना पड़ रहा है. भारत के स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव पर फिजूल खर्च से पहले रेल, सड़क,वायुमार्ग यातायात सुविधा,सुरक्षा और व्यवस्था पर मंत्रालय स्तर पर ध्यान देना अत्यंत जरूरी है.
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