Loading...

आपदा प्रबंधन पर सरकार लेगी संज्ञान : देवेंद्र फडणवीस



'आपदा प्रबंधन : परिप्रेक्ष और बहाली' पर प्रोसिडिंग बुक का विमोचन

नागपुर। आपदा में हेल्थ सोशल वर्कर की अहम भूमिका होती है। व्यवसायिक समाज कार्य के द्वारा जनजागृति से ही आपदा प्रतिबंध तथा बचाव के कार्य सक्षमता से किए जा सकते हैं। 

यह विचार नेशनल फायर सर्विस कॉलेज,नागपुर के पूर्व निदेशक जी. एस. सैनी ने व्यक्त किए। 
उन्होंने कहा की मनोसामाजिक सहयोग, सेवा मूल्यांकन, आपदा प्रशिक्षण कराने वाले समाज कार्यकर्ताओं की अवश्यकता है। 

उन्होंने कहा की जलवायु परिवर्तन तथा हर दिन,हर पल आपदा कि चुनौतियां हैं। दूरदृष्टि रखकर कार्य करना होगा। वर्तमान में आपदा प्रतिबंध के उपाय की सक्षमता बढ़ी हैं। उन्होंने पब्लिक हेल्थ में डिग्री की अवश्यकता भी बताई। श्री सैनी 'आपदा प्रबंधन: परिप्रेक्ष और बहाली' पर आयोजित राष्ट्रीय कांफ्रेंस में बोल रहे थे। 

ऑरेंज सिटी कॉलेज ऑफ सोशल वर्क,नागपुर, आठवले समाज कार्य महाविद्यालय, भंडारा, नेशनल फायर सर्विस कॉलेज, नागपुर, गृह मंत्रालय,भारत सरकार तथा राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय, नागपुर के समाजशास्त्र विभाग के संयुक्त तत्वावधान में 'आपदा प्रबंधन: परिप्रेक्ष्य और बहाली' विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय कांफ्रेंस का आयोजन 24 सितंबर को रवि भवन, सिविल लाइंस में किया गया था।

सम्मेलन का उदघाटन उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के हाथो होना था, किंतु आवश्यक कारण से वे नही पहुंच पाए। 

उन्हे कांफ्रेंस के समापन पर अध्यक्ष डॉ.चंदनसिंह रोटेले, प्रा. अमोलसिंह रोटेले, प्रतीक बड़गे, हर्ष यादव ने प्रोसिडिंग बुक तथा पुष्पगुच्छ, स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। उपमुख्यमंत्री ने पुस्तक की सराहना की और कहा की पुस्तक में प्रकाशित लेखों के आधार पर सरकार आपदा प्रबंधन पर संज्ञान लेगी।

राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्विद्यालय, नागपुर के प्रतिकुलपति डॉ. संजय दूधे ने किया। कांफ्रेंस की अध्यक्षता रोटेले ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के अध्यक्ष डॉ.चंदनसिंह रोटेले ने की। 

इस अवसर पर प्रमुख अतिथि के रूप में नेशनल फायर सर्विस कॉलेज, नागपुर के निदेशक राजेश चौधरी, पूर्व निदेशक जी.एस. सैनी, रातुम नागपुर विद्यापीठ के समाजशास्त्र विभाग के प्रमुख डॉ. अशोक बोरकर, उपमुख्यमंत्री कार्यलय के सहयोगी अधिकारी कुमार मसराम, निदेशक पूर्व सीनेट सदस्य श्रीमती किरणताई रोटेले, 

आठवले समाज कार्य महाविद्यालय, भंडारा के सचिव व निदेशक डॉ. केदारसिंह रोटेले, उपाध्यक्ष व निदेशक कु काजोल रोटेले, कार्यकारी प्राचार्या डॉ. सरला शनवारे, प्राचार्या डॉ. सुभांगी वडसकर, कार्यकारी प्राचार्य डॉ. महेंद्र मेश्राम, सम्मेलन की संयोजक डॉ.कविता कान्होलकर उपस्थित थीं।

कांफ्रेंस के अध्यक्षीय संबोधन में डॉ.चंदनसिंह रोटेले ने कहा की आपदा कभी भी व्यक्ति, जाति और धर्म देखकर नहीं आती। उन्होंने कहा की आपदा से बचाव के लिए लोगों को प्रशिक्षण देने की अवश्यकता है। आलीशान होटलों में नीतियां बन जाती है किंतु उसका क्रियान्वयन ग्रामीण अंचल तक होने की अवश्यकता है। 

जिसके लिए सरकार ने समाज कार्य के प्राध्यापकों एवं विद्यार्थियों को साथ लेकर कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आपदा में सजग रहना है, भयभीत नहीं होना चाहिए। सेवा कार्य करना हमारा मानवीय धर्म है। जनजागृति के लिए समाज कार्य के लोग सदैव डटे हैं।

प्रमुख अतिथि नेशनल फायर सर्विस कॉलेज, नागपुर के निदेशक राजेश चौधरी ने अपने संबोधन में आपदा प्रबंधन की तकनीकियों तथा प्रतिबंधक उपायों पर विस्तार से मार्गदर्शन किया।
समापन समारोह  की अध्यक्षता डॉ.चंदनसिंह रोटेले ने की। 

विशेष अतिथि के रूप में नागपुर महानगर पालिका,नागपुर के मुख्य अग्निशमन अधिकारी राजेंद्र उचके, स्वतंत्र शोधकर्ता, सामाजिक विकास क्षेत्र की सलाहकार डॉ.अरुणा गजभिए, रातुम नागपुर विद्यापीठ के समाजशास्त्र विभाग के प्रमुख डॉ.अशोक बोरकर उपस्थित थे।

इस दौरान कांफ्रेंस की प्रोसिडिंग बुक का विमोचन भी अतिथियों के हाथों किया गया। अंत में समस्त सहभागियों को पुस्तक एवं प्रमाणपत्र भी वितरित किए गए। 

कांफ्रेंस के उद्घाटन सत्र का संचालन सम्मेलन की संयोजक डॉ. कविता कान्होलकर ने तथा आभार डॉ. नंदकिशोर भगत ने किया। समापन सत्र का संचालन प्रा.शालिनी तोरे ने तथा आभार डॉ. चंद्रशेखर मालविया ने किया।

इस अवसर पर तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया । इस सत्र में प्रहार डिफेंस अकादमी की निदेशक कु शिवाली देशपांडे ने साइकोलॉजिकल वारफेयर विषय पर विचार रखा। 

इसका संचालन कु कल्पना मुकुंदे ने तथा आभार डॉ. नरेश कोलते ने किया। दूसरे सत्र में नागपुर जिले के आपदा प्रबंधन अधिकारी अंकुश गावंडे ने आपदा प्रबंधन अधिनियम पर प्रकाश डाला। 

संचालन प्रो. रचना धड़ाडे ने तथा आभार डॉ.सुलोक रघुवंशी ने किया। अंतिम तकनीकी सत्र में एसएएडी की कार्यक्रम अधिकारी कु.सुरभि गजभिए ने भी विचार रखे। इसका संचालन डॉ.चंदू पाटिल ने तथा आभार डॉ.आरती पवार ने किया।

सम्मेलन की सफलतार्थ समन्वयक डॉ. चंद्रशेखर मालविया, प्रा. अमोलसिंह रोटेले, मीडिया प्रभारी डॉ. नंदकिशोर भगत, सह समन्वयक प्रा. शालिनी तोरे, सह समन्वयक राजेश सबनीस, प्रा.दीपरत्न राऊत,तकनीकी सहायक कु.कल्पना मुकुंदे, 

डॉ. नरेश कोलते, डॉ. सुलोक रघुवंशी, प्रा. रचना धड़ाडे, डॉ. व्यंकटी नगरगोजे, डॉ.चंदू पाटिल, अधीक्षक मंगलप्रसाद राहंगडाले, राजीव कथावटे, प्रतीक बड़गे, डॉ. हर्ष यादव तथा रोटेले ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के समस्त प्राध्यापक एवं कर्मचारियों ने सहयोग किया।
समाचार 666901779776013950
मुख्यपृष्ठ item

ADS

Popular Posts

Random Posts

3/random/post-list

Flickr Photo

3/Sports/post-list