'बढ़ती महंगाई : जिम्मेदार कौन' विषय पर हुई चर्चा
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नागपुर। लोहिया अध्ययन केंद्र में 3 सितंबर को साहित्यकारों व पत्रकारों द्वारा भाई हरीश अडयालकर को डॉ. शशीवर्धन शर्मा शैलेश द्वारा माल्यार्पण के बाद श्रद्धांजलि अर्पित की।
तत्पश्चात देश की विकट स्थिति को देख 'बढ़ती महंगाई : जिम्मेदार कौन' विषय पर चर्चा पत्रकार, चिंतक अजय पांडे की अध्यक्षता में हुई।
उन्होंने कहा आज की पीढ़ी के पास रोटी, कपड़ा, मकान इन समस्याओं से जूझते रहने के बाद वक्त ही नहीं है। आज बढ़ती जनसंख्या, घुसपैठ, जमाखोरी और गलत चुनावी प्रक्रिया बढ़ती महंगाई के लिए खासकर जिम्मेदार है।
शायर भोला सरवर का कहना था कि बाबा साहेब की आर्थिक नीतियां अपना लेते तो महंगाई डायन आती ही नहीं। साथ ही करोना की आड़ में दवा कंपनियों ने जो लूट मचाई वह भी एक बड़ा कारण है।
पत्रकार, साहित्यकार टीकाराम ने सरकारी नीतियों को दोषी माना।
कवि पारसनाथ शर्मा ने विस्तार में डिमांड एवं सप्लाई के अंतर्गत बढ़ती मांग के साथ पेट्रोल के बढ़ते मूल्य को जिम्मेदार माना।
डॉ. शशीवर्धन शर्मा ने उपभोक्ता और उत्पादक के बीच की कड़ी को नियंत्रित न करने की सरकारी नीति को जिम्मेदार बताया।
डॉ. कृष्ण कुमार द्विवेदी ने कहा खाने पीने की चीजों का कुशल संयोजन का अभाव महंगाई बढ़ने के लिए बहुत कुछ हद तक जिम्मेदार है।
डॉ. विजय कुमार श्रीवास्तव ने कहा की चुनी हुई सरकार है, चुनाव के उपरांत सही दिशा में कार्य नहीं कर रही है। इसलिए महंगाई और बढ़ रही है।
ब्रजभूषण शुक्ला ने एफडीआई, जीडीपी से लेकर सरकारों की अर्थ व्यवस्था को प्रस्तुत करते हुए कहा कि महंगाई के लिए हम ही जिम्मेदार हैं। उन्होंने माना कि सरकार को सिंगल टैक्स पद्धति को अपनाना चाहिए।
नरेंद्र परिहार ने महंगाई विषय पर वक्ताओं के किए गए प्रश्नों के साथ समाधान करके, साथ सुझाव दिया की सरकारों को पूरे देश में एक स्वतंत्र कमेटी बनाकर उसके हाथों में कर व्यवस्था की प्रणाली को सौंप देना चाहिए तभी महंगाई पर नियंत्रण रखा जा सकेगा, अन्यथा श्रीलंका, पाकिस्तान, नेपाल जैसी स्थिति यहां भी हो सकती है। कार्यक्रम का संचालन कवि कृष्णकुमार द्विवेदी ने किया और आभार टीकाराम साहू ने माना।