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शिक्षक दिवस पर गाया शिक्षक का 'संगीत रजनी'


नागपुर। पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के अवसर पर मनाया जाने वाला शिक्षक दिवस विभिन्न गतिविधियों से भरा रहा। लेकिन स्वर्धा बहुउद्देश्यीय और सामाजिक संगठन ने शिक्षक दिवस का आयोजन बहुत अलग तरीके से किया और अपने शिक्षकों और शिक्षकों को मधुर गीतों के साथ संगीतमय श्रद्धांजलि दी।
स्वर्धा मल्टीपर्पज एंड सोशल सोसाइटी नागपुर ने रविवार दोपहर सीताबरडी के अर्पण हॉल में गायन कार्यक्रम 'संगीत रजनी' का आयोजन किया। 

कार्यक्रम की अध्यक्षता गायक प्रवीण भिवगड़े ने की और समन्वयक प्रमोद अंधारे ने किया, जो शिक्षक दिवस के अवसर पर आयोजित किया गया था। सुधाकर अडवले के विशेष सहयोग से कार्यक्रम को लाभ हुआ। 

कार्यक्रम को यु व्ही डाइघहवाने इनकी विशेष उपस्तित थी।
कई गायक-शिक्षकों ने अपनी गायन प्रतिभा से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। 

डॉ धनंजय वर्दुकर, डॉ. यशवंत तिरपुड़े, प्रो. श्रीकांत कोडापे, प्रो. आशुतोष चाहंडे, अशोक दारोकर, प्रो. नितिन जोशी, अशफाक शेख, प्रो. डी। बी चव्हाण, राजेश धुंडल, प्रफुल मेश्राम, मकरंद बख्शी, प्रो. संजीव सराफ, डॉ. अरविंद काले, उल्हास पुरकम, प्रो. राजू देशपांडे, अरविंद पांडे, डॉ. मानसी कान्हे, 

डॉ. नीतू गुप्ता, सिस्टम खडके, लीना निमजे, अपर्णा गिरी, जस्सी दारोकर, अलका ठाकुर, जयंती पुरकम, सुनीता गुमफेकर, प्रो. सुनीता बोरघटे, डॉ. स्वाति जोशी, प्रो. कार्यक्रम में खुशाली कोडापे, सुमित्रा ठाकरे, जयश्री कोलूरवार, नीलम कदम और उमा रघुरमन ने भाग लिया। 

उन्होंने प्यार करने वाले, आज उन पहली मुक्त, सजना है मुझे, हौले हौले चलो, तुझसे नज़र, बड़ी दूर से, ये है रेशमी जुल्फे, छुकर मेरे मन को, तू शायर, जीवन के दिन जैसे गाने गाए।

कार्यक्रम का संचालन एमए रजाक व ओमप्रकाश शाहू ने किया। इस आयोजन के संयोजक विजया वैद्य और नितिन भोले थे। कंचन बेलखोडे, मीनल ताजनेकर और अलका लाडे ने आयोजन को सफल बनाने मे सहकार्य किया।
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