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हिन्दी में विश्वभाषा बनने की प्रबल संभावना : डॉ. उपाध्याय

 

नागपुर। राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में 'हिन्दी दिवस समारोह' का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे शहर के प्रतिष्ठित आयुर्वेदाचार्य, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोविन्द प्रसाद उपाध्याय। 

अपने उद्बोधन में डॉ. उपाध्याय ने कहा कि आनेवाले वर्षों में हिन्दी विश्वभाषा के रूप में प्रतिष्ठित हो सकती है। भारत सरकार ने ‘नई शिक्षा नीति’ के अन्तर्गत भारतीय भाषाओं में शिक्षा पर बल दिया है। 

उन्होंने जोर देकर कहा कि नई शिक्षा नीति से हिन्दी का प्रभाव पूरे समाज पर पड़ेगा। प्रौद्योगिकी, तकनीकी और विज्ञान का पाठ्यक्रम अब हिन्दी में तैयार हो रहा है, कई विश्वविद्यालयों में इसका अध्यापन भी शुरू हो चुका है।

इस अवसर पर अध्यक्षीय भाषण देते हुए हिन्दी विभाग के अध्यक्ष डॉ. मनोज पाण्डेय ने कहा कि समूचे विश्व को प्रभावित करनेवाली दो शक्तियां रही हैं - विचार और  तकनीक। 

विचारों के प्रचार-प्रसार तथा तकनीकी क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए भाषा की सबसे केन्द्रीय भूमिका होती है। हिन्दी भाषा का अध्ययन करनेवाले विद्यार्थियों को रोजगार की दृष्टि से अधिक अवसर हैं। साहित्य के साथ ही मीडिया के विविध क्षेत्रों में हिन्दी के विद्यार्थी के लिए अवसर उपलब्ध हैं। 
      
इस अवसर पर  निबन्ध लेखन प्रतियोगिता, काव्यपाठ प्रतियोगिता, कविता लेखन स्पर्धा, प्रश्न मंजूषा तथा वक्तृत्व स्पर्धा ली गई। इन प्रतियोगिताओं में हिन्दी विभाग के विद्यार्थियों सहित इतिहास, समाजशास्त्र, उर्दू तथा अंग्रेजी विभाग के विद्यार्थी भी शामिल हुए। हिन्दी दिवस समारोह में उपर्युक्त पांचों प्रतियोगिता के प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय – ऐसे कुल १५ विद्यार्थियों को  पुरस्कृत किया गया। 

कार्यक्रम का संचालन डॉ. लखेश्वर चन्द्रवंशी ने किया तथा डॉ. सुमित सिंह ने आभार व्यक्त किया। विभाग के शिक्षक डॉ. संतोष गिरहे, डॉ. एकादशी जैतवार, डॉ. कुंजनलाल लिल्हारे, प्रा. जागृति सिंह सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे।
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