Loading...

आश्विन शरद नवरात्रि घट स्थापना मुहूर्त


आश्विन शरद नवरात्रि - आश्विन शुक्ल • पक्ष १ सोमवार तारीख २६.९ .२०२२ ई.
घट स्थापना के मुहूर्त


प्रातः ६.३१ से ७.३० तक अमृत वेला
दिवा ९ .३० से ११.०० तक शुभ वेला
दिवा १२.०५ से १२.५३ तक

अभिजित वेला दिवा १२.४१ से २.४५ तक धनुठ

इस वर्ष शारदीय नवरात्रि का आरंभ हस्त नक्षत्र,  शुक्ल व ब्रह्म योग, कन्या राशि का चन्द्र व कन्या ही राशि के सूर्य में आनन्दादि महायोग श्रीवत्स में २६ सितंबर, सोमवार को हो रहा है। नवरात्रि पूरे ९ दिनों की होगी। 

इस बार शारदीय नवरात्रि वर्षों बाद मां हाथी पर सवार होकर आ रही हैं और हाथी पर ही सवार हो विदा होंगी। वर्ष में कुल चार नवरात्रियां होती हैं। चैत्र,आषाढ़,आश्विन और माघ माह में। 

चैत्र व अश्विन माह की नवरात्रि उजागर नवरात्रि व आषाढ माघ माह की नवरात्रि गुप्त नवरात्रि के नाम से जानी जाती है। आश्विन माह की नवरात्रि शरद ऋतु में आती है इसलिए इसे शारदीय नवरात्रि के नाम से जाना जाता है।

मां दुर्गा शेर की सवारी करती हैं लेकिन शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि में जब देवी दुर्गा कैलाश से पृथ्वीलोक पर आती हैं तो उनका वाहन अलग होता है। भक्तों के पास आने के लिए मां जगदंबा अलग-अलग वाहनों का चुनाव करती हैं।  

नवरात्रि में जगतजननी दुर्गा का आगमन और प्रस्थान का वाहन सप्ताह के दिन के आधार पर तय होता है। सोमवार, २६ सितंबर से नवरात्रि प्रारंभ हो रहे है अतः मां का आगमन हाथी पर होगा जो समृद्धि व खुशहाली का प्रतीक है। 

माता की विदाई भी हाथी पर होगी (मतांतर से नाव)। देवी भागवत के अनुसार जब मां का आगमन व विदाई हाथी पर होती है देश में खुशहाली का वातावरण निर्मित होता है व पर्याप्त वर्षा से जनता प्रसन्न होती है। 

नवरात्रि में घटस्थापना,ज्वार रोपण नवदुर्गाओं की क्रमशः पूजन, अर्चन, दुर्गा सप्तशती के सात सौ महामंत्रों से हवन,कन्या पूजन व अपनी अपनी कुल परम्परा के अनुसार कुल देवी पूजन व उपवास का विशेष महत्व है। 

घट (कलश) स्थापना प्रतिपदा को प्रातः ब्रह्ममुहूर्त, चौघड़िया मुहूर्त वस अभिजीत मुहूर्त में अपनी अपनी कुल परम्परा अनुसार शुभ रहेगी। नवरात्रि में उपवास का विशेष महत्व है। 

पूरे नवरात्रि में सम्भव न हो तो अष्टमी अथवा महानवमी को कुलदेवी पूजन के अवसर पर उपवास अवश्य रखना चाहिए। नवरात्रि में प्रतिदिन दुर्गासप्तशती, नवार्णमन्त्र जप, रामचरित मानस के नवान्हपारायण व रामरक्षा स्तोत्र के पाठ से माँ की कृपा प्राप्त होती है। 

✍️पंडित करण गोपाल पुरोहित (शर्मा)
अमरावती (महाराष्ट्र)  मो. 9049451525, 8669165178

समाचार 2886106404710966843
मुख्यपृष्ठ item

ADS

Popular Posts

Random Posts

3/random/post-list

Flickr Photo

3/Sports/post-list