कैसे कहे दाल चावल रोटी खाओ प्रभु के गुण गाओ : मोटवानी
प्रख्यात बाजार समीक्षक प्रताप ए. मोटवानी ने बताया कि उस वर्ष देश में मानसूनी वर्षा की अधिकता और बेमौसमी वर्षा से कही बाढ़ तो कहीं सुखा पड़ा है, ऐसी प्रतिकूल परिस्थितिसे देश में अनेक फसले बुरी तरह प्रभावित हुई है, जिसका असर आगामी दिनों दिखेगा, इस साल दाल रोटी और चावल में तेजी का कारण देश में इस वर्ष मानसून की अनियमितता, प्रतिकूल मौसम, कही बाढ़ तो कही सुखा से फसलें बेहद प्रभावित हुई है।
देश में फसलें कम होने से आयात पर निर्भरता बढ़ते जा रही है, दूसरा प्रमुख कारण देश में अनाज का व्यापार में बहुराष्ट्रीय कंपनिया, बड़ी बड़ी कंपनियों जैसे टाटा, रिलाइंस, जिओ ग्रुप, अदानी, महेंद्र, बिग बास्केट, रामदेव बाबा जैसी बडी कंपनियों के हाथों स्थांतरित हो गया है।
इन बड़ी कंपनियों ने अनाज व्यापार को अपने कब्जे कर दिया है जिसका सबसे ज्यादा असर देश में लाखो की संख्या में चिल्लर, सेमी होलसेलर, होलसेलर व्यापारियों सहित मिलों पर पड़ रहा है, जिससे देश का अनाज व्यवसाय बुरी तरह प्रताड़ित हो उठा है। बड़ी कंपनिया भारी स्टॉक करते है और सरकारी नीतियां उन पर लागू नहीं होती।
मोटवानी के अनुसार अनाज और दलहन व्यापार में सरकारी दखल इतना बढ़ गया है कि व्यापारियों का व्यापार करना दुभर हो गया है, परिस्थिहति ऐसी हो गई है पहिले किसान दुखी परेशान कर्जों से मुक्ति पाते थे अब धीरे धीरे सरकारी नीतियों से दुखी व्यापारी भी आत्महत्या करने को बेबस है।
अगर जल्दी सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो देश फिर विदेशी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के हाथों गुलाम हो जायेंगे। देश के उद्योग, व्यापार, किसान, व्यापारी, आम जनता बुरी तरह प्रभावित होंगे, सरकार ने इस पर विचार करना चाहिए।
मोटवानी ने बताया कि केंद्र सरकार की विचित्र नीति के तहत अभी अभी उन्होंने राज्य सरकारों को करीब 15 लाख टन चना त्यौहारों में नाफेड का कम दामों में देने का निर्णय किया है ताकि सरकार त्यौहारों के समय बेसन, चनादाल को आम जनता को दे सके लेकिन इस पर यह ध्यान देने योग्य यह है कि चनादाल के भाव होलसेल मार्केट में पहिले से ही 6000-6500 तक है। अतःइसका फायदा जनता को क्या होंगा, समझ में नहीं आता।
मोटवानी ने बताया कि एक माह में प्रतिकूल मौसम से चिन्नौर चावल 5000- 5500 से बढ़कर 6000 से 6500 याने 1000 रुपए बढ़ गया है। जयश्रीराम चावल भी 4400 से 4800 से बढ़कर 5000 से 5600 याने 800 रुपए क्विटल बढ़ गया है। यह दोनो चावल प्रमुखता से उपयोगित होते हैं
अन्य चावल भी इस साल मजबूत है स्वर्णा 2600 से 3000 ,बीपीटी 3400-4000 तक भाव हैं। गेहूं में भी इस वर्ष भाव ज्यादा है ज्यादा है। एमपी बोट ने रिकॉर्ड भाव दर्ज किए है। होलसेल में 4500- 5500 लोकवन में 2800 - 3500, टुकड़ी में 2800- 3600 तक होलसेल में भाव हैं।
दलहनों में तुवर दाल होलसेल में 10000 से 11500, उड़द मोगर 9500 से 12000 , मूंग मोगर 9000 से 11000, मसूर दाल 9000 के भाव हैं। काबुली चना 10000 से 12000 मोठ 8500 से 11000 तक भाव है चमकी मूंग 8500 से 10000 तक भाव है।
इस वर्ष मानसूनी वर्षा के पूरे देश में प्रकोप से फसलों को बेहद नुकसान हुआ है देश के लिए दुर्भाग्य की बात है लेकिन यह स्पष्ट है कि ऐसी परिस्थिति में बड़ी कंपनिया बहुराष्ट्रीय कंपनियां फायदे में है छोटे मंझले व्यापारी प्रताड़ित हो रहे है, सरकार ने गंभीरता से इस विषय पर विचार करना चाहिए।