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नवरात्री पर्व के लिए चितार ओली परिसर में मूर्ति निर्माण में तेजी



दुर्गाजी की गौरी, नवदुर्गा शांतिस्वरूप, महिषासुर मर्दिनी की प्रतिमाओं को स्वरूप देना जारी 

नागपुर (आनन्दमनोहर जोशी)। नागपुर के प्रमुख मूर्तिकला निर्माण क्षेत्र में पिछले दो से तीन वर्ष के मुकाबले वर्ष 2022 के नवरात्रि उत्सव पर स्थापित की जानेवाली मिटटी से निर्मित प्रतिमाओं को रंग रूप देने के कार्य में तेजी आयी है. 

बारिश और बूंदाबांदी के बीच चितार ओली स्थित कलाकार निर्माण क्षेत्र में जगह कम पड़ने लगी है.  कलाकारों की माने तो पिछले दो साल कोरोना महामारी के चलते शासन के प्रतिबन्ध होने से त्यौहार को भक्तगण उत्साह से नहीं मना पाए थे. 

मूर्तिकार शरद सूर्यवंशी का कहना है कि गत चालीस वर्षों में मूर्ति निर्माण के मुकाबले इस वर्ष दुर्गा उत्सव के लिए बहुत उत्साह है. विजय सूर्यवंशी के अनुसार इस वर्ष उन्हें दस बड़ी मूर्तियों के आर्डर के लिए दुर्गोत्सव की प्रतिमा बनाने हेतु मंडलों को मना करना पड़ा. 

इस वर्ष सम्पूर्ण चितार ओली में पंद्रह सौ से अधिक मिट्टी की प्रतिमाओं का निर्माण कार्य तेज गति से शुरू है. विजय भामकर, मनोज बिंड का कहना है कि इस बार पिछले दो वर्षा की तुलना में चितार ओली में तीन गुना प्रतिमाएँ बन रही है. 

विनोद सूर्यवंशी का कहना है कि पहले जहां सात से आठ हज़ार में दो से तीन फीट की प्रतिमा बनाई जाती थी. अब महंगाई के चलते श्रृंगार सामग्री, कलाकार का मेहनताना बढ़ने से मूर्ति की  कीमत पन्द्रह  से 60 हजार है.

इस बार गाय के साथ, शेर, महिसासुर के साथ दुर्गाजी की प्रतिमाओं का निर्माण किया जा रहा है. साथ ही रथ के साथ चार शेर की सवारी पर विराजमान प्रतिमा के भी आर्डर मिले है.
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