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मूक प्राणियों के बिमारियों, उत्थान के लिए राष्ट्रीय नीति जरूरी



नागपुर (आनन्दमनोहर जोशी)। मूक प्राणियों विशेषकर गाय में लम्पी बीमारी की बढती त्रासदी को देखते हुए देश में दूध के सेवन से समान्यजनों में खतरा बढ़ने की सम्भावना है. देशभर में सुबह, शाम, दोपहर, रात्रि सहित चार पहरों में दूध का प्रयोग होता है. 

राजस्थान सहित अनेक क्षेत्रों में गाय के लम्पी रोग के बढ़ते प्रमाण को देखते हुए इसे ठीक करने की दवाएं, वैक्सीन, इंजेक्शन की व्यवस्था वेटरनरी विभाग की जिम्मेदारी है. 

अब जबकि यह रोग तेजी से फैलने लगा है. भारत सरकार के साथ राज्य सरकारों के पशु पालन मंत्रालय को इस ओर तुरंत ध्यान देना होगा. 

भारत की करोड़ों की संख्या में नागरिक लम्पी रोगवाली गाय का दूध सेवन करने से इस बीमारी का असर मनुष्य के स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है. 

पूर्व के वर्षों में मनुष्य में कोरोना, मंकी पॉक्स, स्वाईन फ्लू बुखार जैसी बिमारियों के होने के बाद मूक जानवरों की बिमारियों को ठीक करने के लिए राष्ट्रनीति बनना जरुरी है. 

वेटरनरी के विशेषज्ञ डॉक्टर की टीम की सहायता भारत के करोड़ों किसानों, गौ पालकों, गौशालाओं को मिलना जरुरी है. जिससे की लम्पी रोग को ठीक किया जा सके. लम्पी बिमारियों के उपचार, दवाइयों को गाय को देने संबंधी जानकारी व्यापक स्तर पर प्रचार,प्रसार माध्यम से जनहित में भी जरुरी है.

आज लम्पी बिमारियों के फैलने का ख़तरा दिनोंदिन बढ़ रहा है. जिससे हज़ारों की संख्या में गौशालाओं में सेवाएं की जा रही गायों को बीमारी घेरने की सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता.
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