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हिन्दी बोलकर गौरवान्वित महसूस करें : पूजा भारद्वाज



नागपुर/पुणे। विश्व हिन्दी साहित्य सेवा संस्थान, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश की बाल संसद इकाई द्वारा 124 वीं आभासीय संगोष्ठी जिसका विषय - शिक्षक दिवस, हिन्दी दिवस, नवरात्रि, भगत सिंह और विश्व शांति दिवस, कार्यक्रम में  विशिष्ट अतिथि - पूजा भारद्वाज ,'लम्हे जिंदगी के', साहित्य संस्था, दिल्ली की अध्यक्ष ने अपना मंतव्य देते हुए कहा कि- हमें हिन्दी बोलने में गौरव महसूस करना चाहिए। कहीं भी हीन भावना का शिकार नहीं होना चाहिए। हम अपने विचारों की अभिव्यक्ति हिन्दी में ज्यादा अच्छे से कर सकते हैं। क्योंकि यह हमारे देश की भाषा है।
मुख्य अतिथि तनुश्री अहलावत ने कहा कि - शहीदों के बलिदान को  पूरा भारत देश नमन करता है। 

अध्यक्षीय भाषण में डॉ.शहावुद्दीन नियाज़ मोहम्मद शेख, पुणे, महाराष्ट्र, संस्थान अध्यक्ष ने कहा कि - भारतीय संस्कृति में त्योहारों, उत्सवों का विशेष महत्व है। सितंबर माह के शिक्षक दिवस, हिन्दी दिवस, नवरात्री तथा विश्व शांति दिवस जैसे उत्सव भारतीय संस्कृति का परिचय देते हैं। शिक्षक विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य निर्माता हैं। भारतीय भाषाओं के मध्य हिंदी हमारी संपर्क भाषा है। अपनी सहजता व गुप्त विशेषताओं के बल पर हिन्दी विश्व मंच पर पहुंच चुकी है। 

नवरात्रि का त्योहार हमारीआस्था और श्रद्धा का प्रतीक है।
 डॉ. गोकलेश्वर कुमार द्विवेदी, संस्थान सचिव ने प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम संपन्न किया। बच्चों ने जिसमें उत्साह पूर्वक भाग लिया। शिवी जैन, म. प्र. प्रभारी प्रथम रहीं। 

कार्यक्रम का शुभारंभ अवनी तिवारी, प्रदेश सचिव,  मध्य प्रदेश ने  सरस्वती वंदना गाकर किया।  कार्यक्रम का सफल संचालन शिवी जैन इंदौर ने किया।
 
सर्व मांगल मांगल्ये, शिवे सर्वार्थ साधिके।
 शरणये त्र्यंबके गौरी,  नारायणी नमोस्तुते।। कहते हुए आभार व्यक्त डॉ. रश्मि चौबे, गाजियाबाद,  राष्ट्रीय बाल संसद प्रभारी ने किया। 

कार्यक्रम में  शिवी जैन, वैभव  सावलाहरी कोंडके, शार्दूलकुमार  जाधव, शीतल संतोष अहीरे, प्रसाद चंद्रप्रकाश दंडिमे , तन्मय महेंद्र साठे, आयुष संजय बोरसे, प्रथमेश अनिल वयाल, प्रसन्न अभिजीत म्हस्के , महाराष्ट्र, स्वरा त्रिपाठी, सचिव बाल संसद इकाई, लखनऊ, इर्शिका रमेश वानखड़े, 

महाराष्ट्र, मधुरता केदार कुलकर्णी, महाराष्ट्र,  शिक्षक दिवस लधु नाटक - आर्य सुभाष प्रभाळे, गौरी प्रभुलाल झलवार, हरिओम ब्रह्मदेव बोंगाने, साईं कृष्णा वसाने, आदित्य विनोद काळे, महाराष्ट्र, आद्विका कुशवाह, इंदौर ने भाग लिया।

कार्यक्रम में डॉ. सुनीता यादव, प्रभारी बाल संसद इकाई, महाराष्ट्र, इंजीनियर प्राणेंद्र नाथ मिश्रा,  दिल्ली, बाल सदस्यों के अभिभावक आदि अन्य अनेक गणमान्य उपस्थित रहे।
साहित्य 689381509641463565
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