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केंद्रीय हिंदी संस्थान हैदराबाद केंद्र का 451वें नवीकरण पाठ्यक्रम का समापन समारोह संपन्न



नागपुर/हैदराबाद। केंद्रीय हिंदी संस्थान, हैदराबाद केंद्र पर महाराष्ट्र राज्य के वर्धा जिले के माध्यमिक हिंदी अध्यापकों के हिंदी प्रशिक्षण के लिए दि. 05.09.2022 से दि. 16.09.2022 तक आयोजित 451वें नवीकरण पाठ्यक्रम कार्यक्रम का समापन समारोह संपन्न हुआ। 

समापन समारोह की अध्यक्षता क्षेत्रीय निदेशक डॉ. गंगाधर वानोडे ने की। हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय, हैदराबाद के हिंदी प्रोफेसर तथा आदिवासी, दलित साहित्य एवं तुलनात्मक साहित्य विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. विष्णु सरवदे मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। मंच पर डॉ. सी. कामेश्वरि, डॉ. के. श्याम सुंदर, डॉ. एस. राधा उपस्थित थे।
     
इस अवसर पर प्रशिक्षणार्थी अध्यापकों ने पाठ्यक्रम से संबंधित अपनी प्रतिक्रियाएँ प्रस्तुत कीं। प्रतिभागियों ने विभिन्न कार्यक्रम जैसे - स्वरचित कविता, देशभक्ति गीत प्रस्तुत किए। पाठ्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों ने बहुत से लेखन कार्य संपन्न किए। उनके द्वारा 'वर्धा जिला बापू जिला' नामक हस्तलिखित पत्रिका तैयार की गई। समारोह में इस पत्रिका का लोकार्पण मुख्य अतिथि प्रो. विष्णु सरवदे, कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. गंगाधर वानोडे तथा मंचस्थ अतिथियों द्वारा किया गया। 
    
नवीकरण पाठ्यक्रम में अध्यापकों द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को विभिन्न विषयों का ज्ञान प्रदान किया गया। क्षेत्रीय निदेशक डॉ. गंगाधर वानोडे के साथ-साथ डॉ. अनीता गांगुली, सी.  कामेश्वरि, विनीता कृष्णा सिन्हा, पी. घनाते, सी. पी. सिंह, राजीव कुमार सिंह, के. श्याम सुंदर अध्यापकों द्वारा अध्यापन कार्य किया गया। 

हिंदी भक्ति साहित्य पर विशेष व्याख्यान डॉ. आर. सुमन लता ने दिया तथा कविता शिक्षण विषय पर विशेष व्याख्यान प्रो. ऋषभदेव शर्मा ने दिया। पाठ्यक्रम में प्रशिक्षणार्थियों की हिंदी शिक्षण से संबंधित समस्याओं का समाधान किया गया। व्याकरणिक त्रुटियों तथा लेखन की अशुद्धियों को सुधारा गया। प्रशिक्षणार्थियों ने कहा कि उन्हें इस प्रशिक्षण से बहुत लाभ हुआ, उनकी समस्याओं का निवारण किया गया। 
   
समापन समारोह में मुख्य अतिथि ने प्रशिक्षणार्थियों को शिक्षक की जिम्मेदारी के संबंध में मार्गदर्शन किया। विद्यार्थियों को द्वितीय भाषा के रूप में हिंदी सीखाते समय विशेष ध्यानपूर्वक तथा सावधानी से शिक्षण कार्य करने पर बल दिया। क्षेत्रीय निदेशक डॉ. गंगाधर वानोडे ने कहा कि अध्यापकों को हमेशा विद्यार्थी बन कर ज्ञान अर्जित करना चाहिए। 

नई नई तकनीक तथा शिक्षण पद्धति के प्रयोग से अपने आपको अद्यतन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षणार्थियों को हर रोज दूरदर्शन पर हिंदी के समाचार सुनकर अपने उच्चारण में सुधार करने का प्रयास करना चाहिए, आधा घंटा हिंदी की  महत्वपूर्ण पुस्तकें पढ़ना चाहिए, उसमें लिखीं वर्तनी पर ध्यान देना चाहिए तथा तद्नुसार लिखने का अभ्यास भी करना चाहिए। नवीकरण पाठ्यक्रम में दिए गए सुझावों के अनुसार अपने अध्यापन कार्य में सुधार करने की सलाह दी। डॉ. सी. कामेश्वरि, डॉ. के. श्याम सुंदर, डॉ. एस. राधा ने प्रशिक्षणार्थियों को मार्गदर्शन कर आशीर्वचन दिया। 
    
कार्यक्रम का सफल संचालन हिंदी अध्यापिका वर्षा कोडापे ने किया। आभार एवं धन्यवाद ज्ञापन हिंदी अध्यापक कांबळे ने किया। सभी प्रशिक्षणार्थी अध्यापकों ने कार्यक्रम सफल बनाने में अपनी भूमिका निभाई। कार्यक्रम के अंत में पसायदान (संत ज्ञानेश्वर महाराज द्वारा लिखा गया) गाया गया। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ। 
साहित्य 6811247928849550255
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