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12 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय साहित्य समागम का आयोजन



सम्मान समारोह, पुस्तक विमोचन एवं वैश्विक परिदृश्य में हिन्दी विषय पर होंगे व्याख्यान

नागपुर/भोपाल। हिन्दी पखवाड़े के अंतर्गत आरिणी चैरिटेबल फाउंडेशन, भोपाल अंतर्राष्ट्रीय साहित्य समागम 2022 का आयोजन कर रहा है। जिसके अंतर्गत सम्मान समारोह, पुस्तक विमोचन समारोह एवं वैश्विक परिदृश्य में हिन्दी विषय पर व्याख्यान रहेगा। 

कार्यक्रम का आयोजन 12 सितंबर को शाम 5.30 से दुष्यंत कुमार स्मारक पाण्डुलिपि संग्रहालय, महिला पालीटेक्निक कालेज के सामने, शिवाजी नगर, भोपाल में किया जाएगा। 

कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे वरिष्ठ साहित्यकार एवं साहित्य अकादमी, भोपाल मप्र के निदेशक डॉ विकास दवे, मुख्य अतिथि के रूप आमंत्रित हैं वरिष्ठ साहित्यकार, अभिनेता एवं पत्रकार कपिल कुमार, जो कि बेल्जियम से आ रहे हैं। 

कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि रहेंगी वरिष्ठ साहित्यकार एवं हिन्दी की गूंज, अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका की मुख्य संपादक रमा पूर्णिमा शर्मा, जो कि जापान से आएगी। सारस्वत अतिथि हैं जर्मनी के इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाॅलिस्टिक रिसर्च एंड वाॅलिंन्ट्री एक्शन की मारला ईमरल एवं नोएडा से पधारे वरिष्ठ साहित्यकार एवं सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी डॉ कमल टाॅवरी। 

कार्यक्रम का संचालन करेंगे भोपाल के वरिष्ठ साहित्यकार गोकुल सोनी। इस समारोह में चार पुस्तकें लोकार्पित की जाएंगी। लघुकथा संग्रह 'उन्मेष', जिसमें कि पूरे भारतवर्ष के प्रसिद्ध लघु कथाकारों द्वारा लिखित लघु कथाओं को शामिल किया गया है साथ ही साथ लघु कथा के सशक्त हस्ताक्षर कहे जाने वाले प्रबुद्ध साहित्यकारों के लघुकथा से संबंधित लेख भी शामिल हैं और साथ ही साथ समस्त शामिल लघु कथाकारों का विस्तृत जीवन परिचय भी। 

इस पुस्तक का संपादन डॉ मीनू पाण्डेय 'नयन' नेे किया है एवं समस्त रुपरेखा विकसित करने में अति विशिष्ट सहयोग रहा है इस पुस्तक की सह संपादक मनोरमा पंत का। कार्यक्रम में मनोरमा पुस्तक परिचय देते हुए पुस्तक के विषय में समीक्षात्मक टिप्पणी प्रस्तुत करेंगी। 

दूसरी पुस्तक जो विमोचित होगी उसका नाम है 'पल्वशा', जो कि एक ग़ज़ल संग्रह है, जिसे वरिष्ठ साहित्यकार कपिल कुमार ने लिखा है। इस संग्रह की खासियत यह है कि यह पुस्तक हिन्दी एवं उर्दू दोनों भाषाओं में एक साथ प्रकाशित है। 

जापान से पधार रहीं रमा शर्मा की दो पुस्तकें भी विमोचित की जाएंगी, जिनका नाम है 'मुरझाए फूल और आतप जीवनम'। पुस्तक विमोचन के बाद सभी आमंत्रित वक्ताओं के वक्तव्य रहेंगे।

फिर कार्यक्रम के अंत में भोपाल की प्रमुख साहित्यिक संस्थाओं द्वारा सभी आमंत्रित अतिथियों का स्वागत किया जाएगा। इनमें से प्रमुख हैं दुष्यंत कुमार स्मारक पाण्डुलिपि संग्रहालय, तुलसी साहित्य अकादमी, वरिष्ठ नागरिक मंच, हिन्दी लेखिका संघ, लघुकथा शोध केंद्र, अखिल भारतीय कला मंदिर, बज्म़ ए अफ़सांचा, भोपाल।
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