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सरकारी रवैय्ये के विरोध में कृषी सहायकों ने किया धरना आंदोलन


नागपुर। संघटित हुए कृषी सहाय्यकों ने सोमवार की सुबह संविधान चौक में सरकारी रवैय्ये का कडा विरोध किया। महाराष्ट्र राज्य कृषी सहाय्यक संघटन की ओर से राज्य कार्यकारिणी सदस्य महेंद्र गजभिये, विभागीय सचिव आनंद मोहतुरे इनके नेतृत्त्व में हुए इस आक्रोश मोर्चा एवं धरना आंदोलन में सेंकडो की तादाद में कृषी सहाय्यकों ने अपनी आवाज बुलंद की।

इस मौके पर कृषी सहाय्यकों ने जीने मरने से जुडे कई समस्याओं पर ध्यान आकर्षिक किया। कृषी सहायकों को फसल का बीमा के साथ, सरकार की कृषी योजनाएं, फसल का आंकलन, फसल नुकसान के पंचनामे, मोबाईल एप पर अपलोड करने होते है। इस काम के लिए कृषी सहाय्यकों को 18 प्रकारकी मोबाईल एप का इस्तेमाल कर उसका ब्योरा मोबाईल के माध्यम से अपलोड करना होता है। 

इस काम के लिए कृषी सहायकों को किसी भी प्रकार का डाटा चार्ज एवं व्यवस्थापन का खर्च सरकार की ओर से नही दिया जाता। कृषी सहायकों को यह सारा खर्च अपनी जेब काटकर भरना पड रहा है। ग्रामीण इलाकों में घंटों तक बिजली नही होती, मोबाईल का नेटवर्क नही होता। 

इस बात को नजर अंदाज कर के कृषी सहायकों पर ही कारवाई का रोब जमाया जाता है। दुसरी और राज्य के आठ कृषी विभाग में कृषी सहायकों की सेंकडों खुर्सियाँ खाली पडी है। सरकार ना इन पदों का निर्धारण कर रही है ना उनपर किसी का चयन कर रही है। एसे में ग्रामीण किसानों को सुविधाएं मिलना मुश्किल हो गया है। 

कृषी सहायकों को सन्मान के साथ जीवन बसर करने के लिए सरकार ने कमसे कम 21 हजार रुपये प्रतिमाह मानधन अदा करना चाहिए। कृषी से संबंधीत कर्तव्य निभाने के लिए कृषी सहायकों को सरकारने लॅपटॉप व कम्प्युटर की व्यवस्था करनी चाहिए, कृषी सहायकों को काम के तौर पर 1500 रुपये व्यवस्थापन खर्च अदा करें, मई 2005 के बाद सेवानिवृत्त कृषी सहायकों को पुरानी पेन्शन के तहत लाभ सरकार दें, महंगाई  निर्देशांक के अनुसार उनको भुगतान मिलना चाहिए, साथ ही साथ साँतवे वेतन का लाभ देते समय कृषी सहायकों पर किए गये अन्याय का निवारण होना चाहिए इन प्रमुख माँगों पर इस आंदोलन में ध्यान आकर्षित किया गया।

महाराट्र राज्य कृषी सहाय्यक संघटन के गजभिये और मोहतुरे इनके नेतृत्व में हुए इस आक्रोश आंदोलन में राज्य सदस्य योगेंद्र बोरकर, उमाकांत बोधे (गडचिरोली), पंकज सुर्यवंशी, कमलादास सलामे (गोंदिया), अनिल भोई, प्रमोद भगत (चंद्रपूर), राहूल देशमुख, रंजना वानखेडे (वर्धा), गिरीश रणदिवे (भंडारा), जगदिश भालेराव (नागपूर) आदींयो के साथ सेंकडो की संख्या में कृषी सहाय्यक सामिल हुए थे।
समाचार 8339777581896944241
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