महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा का 'मेरी कहानी' कार्यक्रम संपन्न
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नागपुर। महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा नागपुर के चिंतन कक्ष में 27 अगस्त को 'मेरी कहानी' कार्यक्रम वरिष्ठ लेखक व सेवानिवृत्त अधिकारी 'पारसनाथ शर्मा 'की अध्यक्षता में संपन्न हुआ।
उन्होंने कार्यक्रम को सफल निरूपित करते हुए कहा कहानियों पर समीक्षा करना एक अनूठा प्रयोग है।
इसके साथ ही उन्होंने अपनी कहानी 'अजनबी शहर जो अपना है 'के माध्यम से हावड़ा बिलासपुर नागपुर मुंबई के अपने अनुभव प्रस्तुत किए।
कार्यक्रम के शुरुआत में 'डॉ. कृष्ण कुमार दिवेदी' ने अपने कार्यालय में हुई यथार्थ घटना जिसमें कर्नल का कुत्ता भाग जाता है, और फिर कैसे मिलता है, 'कर्नल का कुत्ता' शीर्षक में प्रस्तुत किया।'
श्रीमती माधुरी मिश्रा मधु' ने 'शॉर्टकट' कहानी में स्वयं और एक बच्चे की कक्षा एक में भर्ती के समय का साक्षात्कार मनोरंजक ढंग से प्रस्तुत किया।
इसके साथ ही विजय नायडू ने अपने विदाई दिवस पर हुई एक अद्भुत घटना 'ऐसा भी होता है' में बताया कैसे उनके संगीत गुरु का सबने सत्कार किया।'
सुधा काशिव' ने 'सुखी संवेदना' लघु कथा प्रस्तुत करते हुए, महानगर की पड़ोसी वृत्ति का उल्लेख किया।
इसके साथ ही 'नरेंद्र परिहार' ने 'वैशाखी पर खड़ा वक्त' के माध्यम से पुरानी पीढ़ी और नई पीढ़ी के मध्य संवेदनाओं की नई व्याख्या व जीवन शैली के बदलते स्वरूप को प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम संचालक 'डॉ. विजय श्रीवास्तव' ने 'एक पात्र अद्भुत' में बदलते माननीय भावनाओं को प्रस्तुत कर आवश्यक सूचनाओं का समावेश किया।
कार्यक्रम के अंत में 'प्रकाश काशिव' ने अपने कई प्रसंगों को प्रस्तुत करते हुए महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा की तरफ से लेखकों का व श्रोताओं का आभार माना।