सुश्राव्य संगीत महफिल ने श्रोताओं का जीता दिल
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नागपुर। संगीतकला निधी स्व. पंडित विष्णु नारायण भातखंडे, पद्म भूषण स्व. डा. श्रीकृष्ण नारायण रातंजनकर, संगीताचार्य स्व. पंडित अमृतराव निस्ताने इन सभी गुरुजनों की जयंती के उपलक्ष में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने हेतु और अमृत प्रतिष्ठान के वर्धापन दिन के उपलक्ष में बड़े उत्साह के संगीत महफिल का आयोजन किया गया, जिसने श्रोताओं का दिल जीत लिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन, सरस्वती वंदना और गुरु वंदना से हुआ। बैठक के प्रारंभ के प्रथम सत्र में जाने-माने सितार वादक पंडित अवेंद्र शेवलीकर ने सतार वादन प्रस्तुत किया । सबसे पहले, उन्होंने एक बहुत ही रोचक राग, तिलककामोद प्रस्तुत किया।
एक विलंबित लय में और फिर एक द्रुत लय में प्रस्तुत गत ने श्रोताओं का मन मोह लिया। बाद में उन्होंने पिल्लू राग में कलात्मक रागदारी की लयबद्ध प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। राम खडसे ने उन्हें तबले पर अनुरूप संगत की । इस बहुत प्रभावी और श्रव्य प्रस्तुति ने दर्शकों के दिल जित लिये।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में प्रख्यात शास्त्रीय गायिका डॉ. साधना शिलेदार का गायन हुआ। उन्होंने शुरुआत में राग जोगकंस में एकताल में बिलंबित और उसके बाद तीनताल मध्यलय में बंदिश प्रस्तुत की। राग गोधूली और फिर निर्गुण भजन और भैरवी ने अपने गायन का समापन किया। उनका गायन बहुत प्रभावी और मनभावन था। उनके स्पष्ट लयकारी, जोरकस ताना, लयबद्ध आलापी भरी प्रस्तुती की दर्शकों ने सराहना की।
हार्मोनियम पर रितेश तानेलवार और तबले पर राम खडसे जैसे प्रतिभाशाली वादक कलाकारों की साथ बहुत प्रासंगिक और आनंददायक थी। कार्यक्रम का मंच संचालन प्रतिभाशाली युवा निवेदिका आर्या घटवाई ने किया।