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जीवनशैलीजन्य रोगों में उपयोगी है आयुर्वेद


नागपुर। आयुष मंत्रालय भारत सरकार एवं राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ के संयोग से श्री आयुर्वेद महाविद्यालय में कायचिकित्सा विभाग द्वारा 6 दिवसीय निरंतर चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 

इस कार्यक्रम का उद्घाटन श्री बैद्यनाथ आयुर्वेद भवन के प्रबंध संचालक सुरेश शर्मा के शुभहस्ते हुआ। 

इस अवसर पर महाराष्ट्र आयुर्वेद विभाग के पूर्व निदेशक डॉ. कुलदीप कोहली उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता भारतीय वैद्यक समन्वय समिति के कार्याध्यक्ष डॉ. गोविंद प्रसाद उपाध्याय ने की। 

मंच पर भारतीय वैद्यक समन्वय समिति के सचिव डॉ. रामकृष्ण छांगाणी, नागपुर शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. सुभाष राऊत, महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. मोहन येवले एवं कार्यक्रम की संयोजिका डॉ. अर्चना दाचेवार, विभागाध्यक्ष कायचिकित्सा विभाग मंच पर उपस्थित थे।

वर्तमान में सम्पूर्ण विश्व जीवनशैलीजन्य रोगों से जूझ रहा है। उच्च रक्तचाप, मधुमेह एवं हृदय रोग जैसे घातक रोगों की वृद्धि हमारी गलत जीवनशैली के कारण ही है। 

आयुर्वेद की औषधियाँ इन रोगों की रोकथाम एवं उपद्रवों से रक्षा करने में अत्यन्त उपयोगी है। उक्त विचार आयुष विभाग, भारत सरकार के सहयोग से श्री आयुर्वेद महाविद्यालय में कायचिकित्सा विभाग द्वारा जारी निरन्तर चिकित्सा शिक्षा में वक्ताओं ने अपने उद्गार में व्यक्त किए। 
इस निरन्तर चिकित्सा शिक्षा में भारतवर्ष के सम्पूर्ण प्रांत से 30 प्रशिक्षार्थी सम्मिलित हुए। 

विशिष्ट आमंत्रित वक्ता डॉ. अरूणा ओझा, रायपुर, डॉ. विष्णुप्रसाद शर्मा, गुवाहाटी, डॉ. ज्योतिशंकर त्रिपाठी, बनारस, डॉ. गोविंदप्रसाद उपाध्याय, नागपुर, डॉ. रमाकांत यादव, नई दिल्ली, 

डॉ. रविराज परदेशी, नागपुर, डॉ. ज्ञान प्रसन्ना, तिरूपती, डॉ. बिष्णुप्रिया मोहंती, गोवा, डॉ. भैरव कुलकर्णी, औरंगाबाद, डॉ. हरिश भाकुनी, जयपुर, डॉ. प्रसाद मामिडी, आगरा, डॉ. अर्चना दाचेवार, नागपुर, डॉ. मृत्युंजय शर्मा, नागपुर है।

इस कार्यक्रम में भारतीय वैद्यक समन्वय समिती के सहसचिव संजय जोशी, सदस्य, डॉ. रामेश्वर पाण्डेय, संतोष शर्मा विशेष रूप से उपस्थित थे। 

कार्यक्रम का प्रास्ताविक डॉ. अर्चना दाचेवार, आभार प्रदर्शन प्राचार्य डॉ. मोहन येवले, मंच संचालन डॉ. सुंदरसिंह डांगा ने किया। 

डॉ. योगेश कुमरे, डॉ. प्रितेश जयस्वाल, डॉ. प्रियंका कंदीकट्टीवार एवं कायचिकित्सा विभाग के पी. जी. एवं पीएच.डी छात्र उपस्थित थे। 

समस्त अतिथीगणों का सत्कार आजादी के अमृत महोत्सव श्रृंखला में चरखा रूप में स्मृतिचिन्ह प्रदान कर किया गया।
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