प्रायोगिक शिक्षा एवं सहभागिता अधिगम विद्यार्थियों के लिए आवश्यक
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नागपुर/रायपुर। ग्रेसियस कॉलेज ऑफ एजुकेशन, अभनपुर, रायपुर, छत्तीसगढ़ द्वारा एक्सपेरिमेंटल लर्निंग एवं सहभागिता अधिगम को महत्त्व देते हुए यह उपक्रम रखा गया। जिसमें सहभागिता शिक्षण से अभिप्राय शिक्षण प्रक्रिया में शिक्षक एवं शिक्षार्थी की सहभागिता से है।
शिक्षण की प्रक्रिया में शिक्षक एवं शिक्षार्थी दोनों ही महत्वपूर्ण है। शिक्षण प्रक्रिया की सफलता के लिए दोनों की सहभागिता आवश्यक है। इस उद्देश्य को ध्यान में रखकर ग्रेसियस कॉलेज आफ एजुकेशन के द्वारा बच्चों के शिक्षण प्रक्रिया में एक्सपेरिमेंटल लर्निंग और सहभागिता शिक्षण कराया गया।
अध्यापक अपने विद्यार्थियों को उत्तम ज्ञान देने के लिए विभिन्न विधियों का प्रयोग करता है।वह अपनी तरफ से पूरी कोशिश करता हैं कि विद्यार्थी प्रकरण को समझ सके। अध्यापक विद्यार्थियों को सीखने के लिए प्रोत्साहित करें। शिक्षण का अर्थ अध्यापक और विद्यार्थी के मध्य चलने वाली अंतः क्रिया से हैं।
क्लास की चारदीवारी से बाहर जाकर एक्सपेरिमेंटल एजुकेशन विद्यार्थियों के लिए बहुत ही बेहतर है। क्योंकि दिन प्रतिदिन दुनिया छोटी होती जा रही है और नॉलेज नए-नए प्रयोगों के मामले में बहुत विस्तृत होती जा रही है।
आजकल देखा जाए तो पूरी दुनिया ही शिक्षा के क्षेत्र के चारों ओर घूमती हुई नजर आती है। इसलिए विद्यार्थियों को भी शिक्षा के कुछ ऐसे ढंग से भी जानी चाहिए जिससे विद्यार्थियों का पूर्ण विकास हो सके । उन्हें पढ़ने में रूचि आए, साथ ही उनकी सोच का भी विकास हो सके।
आजकल रटकर पढ़ाई करने या सीखने का जमाना नहीं है। आज के समय में टीचर को विद्यार्थियों को ज्यादा से ज्यादा देर तक पढ़ाने में और ज्यादा एक्टिव बनाए रखने के लिए कुछ ऐसे तरीके अपनाने चाहिए जिससे
विद्यार्थियों का ध्यान पूरी तरीके से पढ़ाई में रहे। एक्सपेरिमेंटल लर्निंग यानी प्रयोग करके सिखाना विद्यार्थियों को सिखाने में पढ़ाने का बहुत सरल तरीका है। एक्सपेरिमेंटल लर्निंग से विद्यार्थी में बहुत से ननवीन गुण विकसित हो जाते है।
सहभागिता अधिगम का उद्देश्य कक्षा गतिविधियों को सैद्धांतिक और सामाजिक अधिगम अनुभव कराना है। विद्यार्थियों को समूह में सहयोगी अधिगम कराने से परस्पर निर्भरता आती है साथ ही सामूहिक रूप से अपने उद्देश्य को प्राप्त करते हैं।
डॉ. मुक्ता कौशिक एसोसिएट प्रोफेसर,
आईक्यूएससी समन्वयक ने यह शिक्षण प्रक्रिया को अपनाते हुए बीएड, डीएलएड प्रशिक्षणार्थियों को एक्सपेरिमेंटल लर्निंग, सहभागिता अधिगम विद्यार्थियों को समूह में कराया गया। जिससे विद्यार्थियों में रुचि पायी गई।
डायरेक्टर डॉ आशुतोष शुक्ला ने समस्त विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए भविष्य की मंगल कामना की। को-डायरेक्टर श्रीमती भारती शुक्ला, डॉ अनुराग जैन, प्राचार्य डॉ रिया तिवारी,श्री शत्रुघ्न भोई के मार्गदर्शन में यह कार्यक्रम संपन्न हुआ। समस्त अध्यापक गण एवं विद्यार्थी की उपस्थिति एवं सहभागिता रही।