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हमेशा सकारात्मक बनें



इन्सानी फितरत आमतौर पर परिवर्तन का विरोध करती है। परिवर्तन इसके लिए कष्टदायक होता है।कभी-कभी हम अपने गलत व्यहार को इतना आरामदेह महसूस करने लगते हैं कि अच्छाई के लिए हो रहे परिवर्तन को भी नकारने लगते हैं। गलत व्यवहार करने वाले लोग अपनी असफलता के लिए पूरी दुनिया को दोषी ठहराते हैं। 

सच्चाई, ईमानदारी और अच्छाई जैसी सही चीजों की सोच हमें सकारात्मकता की ओर ले जाती है।
अगर एक कामयाब इन्सान बनना है तो हमें एक अच्छा खोजी बनना होगा। हम किसी व्यक्ति में कमियों की वजह अच्छाइयाँ खोजें। 

सदैव अच्छाईयों की तलाश में रहें तथा झगड़ा व महत्वहीन बातों से दूर रहकर प्रत्येक काम को तुरंत करने की आदत डालें। जिन्दगी में प्रत्येक व्यक्ति अपने काम के प्रति कभी न कभी टालमटोल अवश्य करता है व बाद में पछताता।

इन्सान को जितनी थकान काम से नहीं होती उतनी टालमटोल की आदत से होती है। अतः कामयाबी के लिए अपने काम को तुरंत करने की प्रवृत्ति अपनाना चाहिए। कामयाबी के लिए सीखने की निरन्तरता भी जरूरी है। 

प्रत्येक मनुष्य को चरित्रवान होना चाहिए उसके अन्दर ईमानदारी, दया, साहस, लगन व जिम्मेदारी के गुण होने चाहिए। मनुष्य को स्वाभिमानी होना चाहिए।
हमेशा अच्छी संगति करनी चाहिए। अच्छे विचार पढ़ने व सुनने चाहिये जिससे हमारे अन्दर हौसला बना रहे।

सकारात्मक सोच व सकारात्मक व्यवहार को हम अपनी आदत में शामिल करें और प्रत्येक दिन की शुरुआत सकारात्मक विचारों साथ पूरे उत्साह से हम करें।

- रत्ना वाधवानी 
भोपाल (मध्य प्रदेश)
लेख 3207741150992103474
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