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ओजस्वी क्लब का 'गीत सुगंध' महका


नागपुर। ओजस्वी कल्चरल क्लब की ओर से हिंदी साहित्य संमेलन के अर्पण हाॅल में मराठी और हिंदी गीतों का कार्यक्रम संपन्न हुआ। श्रोताओं ने इस कार्यक्रम का खुब आनंद लुटा।

विजय बावनकर और सोनी सुरी के गाते 'कोयल सी तेरी बोली' इस गीत से कार्यक्रम का आरंभ हुआ।
चेहरा क्या देखते हो -स्मिता भुयारकर और दुर्गेश ब्रम्हे,रात के हमसफर -राहुल दा और कामिनी बंसोड,इक बात कहु गर -मेघा कुचेकर, आज रपट जाए तो -विजय बावनकर और जया सुरी, रात का समा -संगिता येनुगवार, मेरे सपनो की रानी -मिलिंद खेर,आओ हुजुर तुमको -विद्या मनकवडे,

जाने कैसे कब कहा -अनंत मुळे और सोनी सुरी,इस दुनिया में जिना हो तो -संध्या खडसे, हम दोनो मिलके कागज पे दिलके-मेघा कुचेकर और कुंदन गभणे, तुम अगर साथ देने का -सुधीर मेश्राम,तोडे से ना टुटे धरम वीर की जोडी-सी.वाय.रायपुरे और योगेश बुटके, तू मिले दिल खीले-कौस्तुभ कोलारकर, मैं हुं झुमझुम झुमरु -अरविंद लाडे,असा बेभान हा वारा -प्रणोती बोंडे, दिसला गं बाई दिसला -संगिता देशमुख के गाये हुये गीतों ने श्रोताओंको मंत्रमुग्ध कर दिया।

प्रमुख अतिथी के रुप में एस ए पी सी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश गि-हे और निवृत्त आरोग्य अधिकारी (आयुर्वेद) डॉ शांतीदास लुंगे उपस्थित रहे/नागपूर जिलाधिकारी आर.विमला की उपस्थिती से कार्यक्रम की शोभा बढी। कार्यक्रम का आयोजन और संकल्पना नरेंद्र विंचुरकर और विभा विंचुरकर की थी/निवेदन विभा विंचुरकर ने किया।
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