डॉ. भारत खुशालानी की झूलेलाल जीवनी पर आधारित पुस्तक का विमोचन
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नागपुर। डॉ. भारत खुशालानी द्वारा लिखित 'इष्टदेव झूलेलाल कथा: हिंदू धर्म की रक्षा की कहानी' पुस्तक का विमोचन भारतीय सिंधु सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लद्धाराम नागवानी के करकमलों से डॉ. भोजराज लेखवानी, डॉ. हासो दादलानी, मुकेश लखवानी की प्रमुख उपस्थिति में हुआ.
लद्धाराम ने शुभकामना देते हुए कहा कि भारत स्वयं एक वैज्ञानिक हैं जिन्होंने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का महत्त्व समझते हुए इष्टदेव की समग्र जीवन कथा डिजिटल फॉर्म में उपलब्ध करने का प्रयास किया जिससे सिंधी समाज, विशेषकर युवा वर्ग को ज्ञात हो कि कैसे वरुणदेव के अवतार ने अन्याय के विरोध का मार्गप्रदर्शन किया और उसका निवारण किया. यह पुस्तक असिंधीभाषियों को इष्टदेव के कार्यों की जानकारी देने हेतु बहुत ही उपयोगी है.
कविता इसरानी, NCPSL (National Council for Promotion of Sindhi Language) की पूर्व सदस्य ने कहा कि यह पुस्तक सिंधी संस्कृति का अन्य भाषाओं के साथ मेल कराने वाली सिद्ध होगी.
सिंधियों की प्रतिष्ठा बढाने हेतु हर हिंदी भाषी के घर तक पहुंचेगी और हिंदी भाषा के पाठक व्यापक स्तर पर इष्टदेव के विचारों से अवगत होंगे. प्रो. दादलानी ने बधाई दी कि संस्कृतियों का मेल तभी हो सकता है जब एक भाषा की परम्पराएं व संस्कार दूसरी भाषा में भी व्यक्त हों.
सिंधी भाषा में व्यक्त विचारों को केवल सिंधी तक ही सीमित न रखा जाए. भाषा का दायरा धीरे-धीरे बढाते रहना चाहिए. अज़ीम शायर नारायण श्याम का भी उल्लेख किया.
डॉ. लेखवानी ने लेखक का अभिनंदन कर उनके प्रयास को सराहा और कहा कि नयी पीढी आज अपनी विरासत से जुड़ना चाहती है. किताब हिंदी में रहने से युवा पीढी को इष्टदेव के बारे में विस्तृत जानकारी मिलेगी.
उन्हें भी इसकी जानकारी मिलेगी. उन्होंने कहा कि ऐसा प्रयत्न हो जिससे किताब मराठी व अंग्रेजी में भी अनुवादित हो सके.
प्रताप देवानी ने कहा कि भारत ने अपने पारिवारिक संस्कारों को आगे बढ़ाया है और इष्टदेव के माध्यम से सिंधियत का मार्ग प्रशस्त किया है.
मंजू कुंगवानी ने कहा कि न केवल बच्चों, बल्कि पालकों को भी इस पुस्तक की उपयोगिता है और वे अपने बच्चों को इष्टदेव के जीवन से प्रेरित कर सकेंगे.
कार्यक्रम के अंत में नीलम विरानी तथा नलिनी पोपटानी ने भी अपने विचार व्यक्त किये तथा अन्य महिला सहभागियों के साथ इष्टदेव झूलेलाल की पल्लव स्तुति का पाठ किया.
भारतीय सिंधु सभा के अन्य कई सदस्य सोना मोटवानी, ज्योति चेलानी, नव्या आडवानी, मधु भम्भानी, प्रो. गीता गलानी, उर्वशी मोटवानी, सविता सुंदरानी, कंचन, शालिनी, जया कृपलानी, नीलम माखीजानी आदि कार्यक्रम में उपस्थित थे.