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18वें वार्षिक इको नागपुर 2022 सम्मेलन संपन्न


नागपुर। इको नागपुर का आयोजन नागपुर इको समिट एंड कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया, विदर्भ चैप्टर द्वारा पिछले 18 वर्षों से संयुक्त रूप से किया जा रहा है। कार्यक्रम के निदेशक डॉ. शांतनु सेनगुप्ता और डॉ. महेश फुलवानी हैं।

डॉ. अनिल आर. जवाहिरानी अध्यक्ष हैं और डॉ. काशिफ सैयद सी एस आई के विदर्भ अध्याय के माननीय सचिव हैं। सम्मेलन का आयोजन स्थल होटल सेंटर पॉइंट, रामदासपेठ, नागपुर है।

इको नागपुर 2022 लाइव वर्कशॉप के साथ एक अनूठा इको-क्लिनिकल सम्मेलन है जिसका उद्देश्य केस आधारित चर्चा पर ध्यान केंद्रित करना है।
वेबसाइट: www.echonagpur.com या एईएम इवेंट्स का कार्यालय (9822717917) पर विस्तार से जान सकते हो।

6 अगस्त का वैज्ञानिक कार्यक्रम सुपरस्पेशलिटी अस्पताल, नागपुर में एक कार्यशाला के साथ शुरू हुआ और 6-7 अगस्त को दोपहर बाद होटल सेंटर पॉइंट, नागपुर में संपन्न हुआ।

डाॅ महेश फुलवानी कार्यशाला के प्रतिनिधियों का स्वागत किया। लाइव केस प्रदर्शन का प्रदर्शन डॉ. शांतनु सेनगुप्ता, विजिटिंग फैकल्टी डॉ. के. चंद्रशेखरन, डॉ. जे.सी. मोहन, डॉ और स्थानीय विशेषज्ञ डॉ. महेश फुलवानी, डॉ. पी.पी. देशमुख, डॉ.  सुनील वाशिमकर, डॉ सतीश गोविंद, डॉ देबिका चटर्जीने प्रात्यक्षिक दिखाए।

दूसरे सत्र मे डायस्टोलॉजी के साथ बूट और "बीपीएल अल्ट्रासाउंड मशीन" पर चर्चा कि की कैसे 1. डायस्टोलिक डिसफंक्शन, 2. बाएं वेंट्रिकुलर फिलिंग प्रेशर का आकलन, 3. डेटा को एक्शन में बदलना छायाकंन का आकलन कैसे किया जाए।
अगला सत्र जीई हेल्थकेयर मॉडल पर हार्ट वाल्व का आकलन पर हुआ।  वाल्वुलर रोग के लिए

क्वांटिफिकेशन तकनीकों पर प्रदर्शन, जीवन को आसान बनाना और स्ट्रेन विश्लेषण को समझना एलवी स्ट्रेन, आरवी स्ट्रेन, एलए स्ट्रेन - जैसे विषय पर परिचर्चा की गई।

कार्यक्रम की शुरुआत पाठ्यक्रम के निदेशक डॉ महेश फुलवानी एवं डॉ शांतनु सेनगुप्ता  द्वारा स्वागत और पाठ्यक्रम के परिचय के साथ हुई।
कार्यशाला के लिए डॉ महेश फुलवानी डॉ शांतनु सेनगुप्ता और डॉ पी पी देशमुख विभाग प्रमुख कार्डियोलॉजी विभाग और डॉ सुनील वाशिमकर मार्गदर्शक रहे।

पहला सत्र "इस्केमिक हृदय रोग" के लिए समर्पित था और पीठासीन अध्यक्ष डॉ अजीज खान, डॉ विनोद खंडाईत थे।

अगला सत्र "क्या नहीं छुटना चाहिए" पर संपन्न हुआ और प्रस्तुतकर्ता थे के. चंद्रा, जे.सी. मोहन, देबिका चटर्जी, सी के पोंडे, हरिन व्यास थे।

अगला सत्र "मिनोका-(बिगर रक्तसंचार अवरोध हृदयाघात का रहस्य सुलझाया गया" है और प्रस्तुतकर्ता जे.सी. मोहन, मधु शुक्ला, थे।
आगे का सत्र "दिल की विफलता" पर केंद्रित था   डॉ सुशांत पाटिल, और डॉ निर्मल जायसवाल पीठासीन अध्यक्षता की।

प्रस्तुतकर्ता जे.सी. मोहन,  सी.के. पोंडे,  हरिन व्यासथे। आप द्वारा विभिन्न हृदय विफलता स्थितियों जैसे एचएफआरईएफ, एचईपीईएफ, एचएफएमआरईएफ, एचएफआईएमपीई को सिखाया गया। इसके बाद : डॉ. जे.सी. मोहन द्वारा इजेक्शन फ्रैक्शन में हार्ट फेल्युअर (एचएफ ) का प्रबंधन पेश किया गया।

दूसरे दिन का कार्यक्रम सुबह नौ बजे से शुरू होगा।  और शाम 4 बजे समाप्त होता है।  क्रिटिकल केयर इमेजिंग के अनुभाग हैं, सभी वाल्व मायोकार्डियम और अन्य अंगों और अवर्गीकृत संस्थाओं के बारे में चर्चा होगी इकोकार्डियोग्राफी हृदय के कार्यों, उसकी विसंगतियों, संरचनात्मक विकारों को समझने और चिकित्सक को स्थिति का आकलन करने में मदद करने का एक उपकरण है।

प्रौद्योगिकी में प्रगति ने हृदय रोगों के निदान और प्रबंधन को सशक्त बनाया है। प्रशिक्षण और अद्यतन चिकित्सकों के लिए बहुत मददगार होगा।

आयोजकों ने चिकित्सा बिरादरी, स्नातकोत्तर छात्रों से इस अवसर का लाभ उठाने बड़ी संख्या में पंजीकरण करने पर धन्यवाद किया है। डॉ. शांतनु सेनगुप्ता और डॉ. महेश फुलवानी तथा टीम ने सफलता के लिये भरपूर कष्ट उठाए है।250 प्रतिनीधी उपस्थित है।

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