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डॉ. हरीश शेट्टी 'जीरो माइल आईकॉन अवॉर्ड' - आरोग्य रत्न से सम्मानित


पिछले पाँच वर्षों से पांच सौ बेसहारा बुजुर्गों को रोज मॉर्निंग ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर मुफ्त दे रहे

'आहार वेद' के भोजन में तेल, घी, मक्खन, दूध, दही, छाछ के पदार्थ का उपयोग नही 

नागपुर/मुंबई। विश्व प्रसिद्ध आहार विशेषज्ञ तथा 'आहार वेद' के जनक डॉ. हरीश शेट्टी को जीरो माइल अखबार के 17वें वर्ष मे पदार्पण के निमित्त 'जीरो माइल आईकॉन अवॉर्ड-2022' (आरोग्य रत्न) की ट्रॉफी, सर्टिफिकेट तथा स्थापना दिन विशेषांक की पुस्तक देकर विश्व शांति दूत डॉ. सुधीर तारे के हस्ते सम्मानित किया गया। 

इस अवसर पर प्रमुखता से 'जीरो माइल फाउंडेशन' के अध्यक्ष तथा 'जीरो माइल' अखबार के मुख्य संपादक डॉ. आनंद शर्मा, संगीतकार पंडित उमेश शर्मा तथा समाज सेवक प्रदीप शेडे प्रमुखता से उपस्थित थे। गत दिनों नागपुर के सिविल लाइन स्थित होटल हेरिटेज में यह सम्मान समारोह का आयोजन हुआ था जिसमें डॉक्टर हरीश शेट्टी उपस्थित नहीं हो सके थे। हाल ही में मुंबई के अंधेरी वेस्ट, एस वी रोड स्थित उनके कार्यालय में जाकर यह सम्मान दिया गया।

ईश्वर के बाद डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया जाता है। आज स्वास्थ्य के क्षेत्र में ऐसे कई चिकित्सक हैं जिनको सही मायने में इंसानियत के साथ चिकित्सा करते हुए देखा गया है। उन चिकित्सकों में मुंबई के विश्व प्रसिद्ध आहार विशेषज्ञ तथा 'आहार वेद' के जनक के रूप में कार्यरत परोपकारी एवं मृदुभाषी समाज सेवक डॉ. हरीश शेट्टी एक जाना पहचाना नाम है।

कहते है डॉक्टर के शब्दों में वह जादू होता है, जिनसे मरीज का आधा मर्ज उसी वक्त ठीक हो जाता है। आज के समय डॉ. हरीश शेट्टी को भगवान के रूप में चाहने वाले अनगिनत मरीज स्वस्थ होकर अपनी नॉर्मल जिंदगी जी रहे हैं। इनका मानना है कि सब ईश्वर रूपी अद्भुत शक्ति कार्य कर रही है, हम केवल इसके निमित्त मात्र हैं।


'आहार वेद' क्या है ?
:
56 वर्षीय डॉ. हरीश शेट्टी ने बताया चालीस वर्ष के रीसर्च के बाद मैंने 'आहार वेद' भोजन पद्धति विकसित की है। भोजन बनाते समय, तेल, घी, मक्खन, दूध, दही, छाछ, दूध के पदार्थ  का उपयोग नही किया जाता। ऑर्गेनिक अनाज, फल, सब्जियों का ही इस्तेमाल करते है। यह संपूर्ण शाकाहारी भोजन और स्वादिष्ट व्यंजन होते है। 200 से ज्यादा व्यंजन भी 'आहार वेद' पद्धति से तैयार किए है। 'आहार वेद' मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए फ़ायदेमंद होता है। अनेक रोगों पर नियंत्रण (कंट्रोल) पाने मे मददगार है और यथोचित मार्गदर्शन से रोगमुक्ति 100 % होती है. 

-'फास्ट फूड बनाम आहार वेद' :
आज कल फास्ट फूड' का ज़माना है। लेकिन फास्ट फूड, मानव के शरीर को हानिकारक है। स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स और फूड साइंटिस्ट मानते है कि 'आहार वेद' भोजन पद्धति स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।

-'वैश्विक मान्यता' :
'आहार वेद' को विश्व मे मान्यता प्राप्त हो रही है।
इटली की 'स्लो फूड इन्टरनेशनल' संघठन ने डॉ. हरीश शेट्टी को 'आहार वेद' के बारे मे जानकारी देने के लिए, इन्टरनेशनल कांफ्रेंस मे आमंत्रित किया है।
इस अद्भूत खोज के लिए डॉ. हरीश शेट्टी को 'ग्लोबल सिटीजन' खिताब मिला है।

-'दरियादिली' :
डॉ. हरीश शेट्टी पिछले पाँच वर्षों से पांच सौ बेसहारा बुजुर्गों को रोज मॉर्निंग ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर मुफ्त( फ्री) दे रहे हैं। 'आहार वेद' की फ्रेंचाइजी देकर पूरे भारत वर्ष में 'आहार वेद' (थाली) भोजन और व्यंजन देने का इरादा है।
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