जेंडर इक्वलिटी एण्ड विमेंस एंपावरमेंट पर राष्ट्रीय चर्चासत्र
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नागपुर। बी. एल. अम्लानी कॉलेज ऑफ कॉमर्स और अर्थशास्त्र मुंबई और दयानंद आर्य कन्या महाविद्यालय जरिपटका, नागपुर और वूमेन स्टडीज एंड रिसर्च सेंटर, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर, मध्य प्रदेश इनके संयुक्त तत्वावधान में 'जेंडर इक्वलिटी एण्ड विमेंस एंपावरमेंट' ९ जुलाई को ऑनलाइन राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
बी.एल अम्लानी कॉलेज के प्राचार्य डॉ जितेंद्र अहिरकर तथा वूमेन स्टडी एंड रिसर्च सेंटर रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर की संचालिका डॉ राजेश्वरी राणा प्रमुख रूप से उपस्थित थे। उन्होंने स्त्री- पुरुष समानता के बारे में वक्तव्य करते हुए समाज में सबको मानवाधिकार होना चाहिए जो संविधान में लिखा है, तभी समाज की महिलाएं आगे बढ़ सकती है।
दयानंद आर्य कन्या महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ श्रद्धा अनिल कुमार इनके मार्गदर्शन में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आज के कार्यक्रम के रिसोर्स पर्सन डॉ संपदा नासेरी जो महिला महाविद्यालय नंदनवन में एसोसिएट प्रोफ़ेसर पद पर कार्यरत है। इन्होंने 'स्त्री -पुरुष समानता' इस विषय पर चारों तरफ से प्रकाश डाला है।
उन्होने लिंगभेद मे समांतर की भूमिका उसके पीछे की पार्श्वभूमी आज भी अलग- अलग राज्य में शिक्षा की समस्या उसके बारे मे समझाया, आज भी स्त्री पुरुष समानता दिखाई नही देती। संविधान में महिलाओ को जो अधिकार दिया गया हैं, वो सभी क्षेत्र मे मिलना चाहिए महिलाओ के अत्याचार बढ रहे है, इसके बारे मे आवाज उठाना जरुरी है यही समानता नष्ट हो रही है इसलिए देश की आर्थिक प्रगति नहीं हो सकती उन्होंने यह भी कहा कि यदि समानता रहती है तो देश भी सुरक्षित रहता है तो समाज सुरक्षित रहेगा।
महिलाओं का स्वास्थ्य वर्धक, मानसिक स्वास्थ्य अच्छा होना चाहिए और इसलिए संविधान में मानवाधिकार है वह सबको मिलना अनिवार्य है। कार्यक्रम का आयोजन और संचालन डॉ सुजाता साखरे ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु सभी प्राध्यापिकाओ का योगदान रहा।