वैशु'ज़ म्युज़िकल वर्ल्ड में सुरों की बरखा 'मेघा रे मेघा रे'
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नागपुर। वैशु'ज़ म्युज़िकल वर्ल्ड की ओर से वर्षा ऋतु पर विशेष कार्यक्रम 'मेघा रे मेघा रे' का शानदार आयोजन मोरभवन के उत्कर्ष हाॅल में किया गया। जिसमें शहर के सुपरिचित कलाकारों ने अपनी आवाज में रिमझिम के बेहतरीन नग्मों को पेश किया। कार्यक्रम की संचालिका वैशाली मदारे ने सभी कलाकारों का अपने शब्द सुमन से स्वागत किया। सबसे पहले संगीतकार युवराज चौधरी ने राग मेघ मल्हार पर आधारित एक बंदिश को पेश किया।
तत्पश्चात, अनंत पारधी ने 'कहां से आए बदरा', 'सुन सुन सुन बरसात की धुन', विनोद दुबे ने 'जिंदगी भर नहीं भूलेगी बरसात की रात', 'लगी आज सावन की फिर वो झड़ी है', गुणवंत हर्षे ने 'भीगी भीगी रातों में', 'गारवा', नेहा प्रसाद ने 'रिमझिम गिरे सावन', 'ओ सजना बरखा बहार आई', पंकज जोशी ने 'रिमझिम रिमझिम रुमझुम रुमझुम', 'एक लड़की भीगी भागी सी', वीरेश सोलंकी ने 'रिमझिम के गीत सावन गाए' , 'आहा रिमझिम के ये प्यारे प्यारे',
असीमा बोस ने 'ये लड़का हाय अल्लाह', 'टिप टिप बरसा पानी', मिठु चक्रवर्ती ने 'ये रात भीगी भीगी', 'आज रपट जाएं तो', डॉ. प्रतिभा कडु ने 'झूठी मुठी मितवा', 'मौसम है आशिकाना', और श्रीकांत दीक्षित के साथ 'यह मौसम रंगीन समां', कार्यक्रम का शीर्षक गीत वैशाली मदारे और युवराज चौधरी ने मिलकर 'मेघा रे मेघा रे' और 'अब के सावन में जी डरे' गाकर समां बांध दिया।
कार्यक्रम का कुशल संचालन डॉ. प्रतिभा कडु ने किया। कार्यक्रम की संकल्पना युवराज चौधरी की रही। जिसमें में गुणवंता और विनोद पांडे ने साउंड सिस्टम पर सहयोग किया। आयोजिका वैशाली मदारे ने बारीश में भी उपस्थित सभी दर्शकों का आभार व्यक्त किया।