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उभरते सितारे में सुरों की रिमझिम


नागपुर। विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन का उपक्रम 'उभरते सितारे'। जिसके अंतर्गत, वर्षा ऋतु को ध्यान में रखते हुए नवोदित कलाकारों के लिए 'रिमझिम रिमझिम' संगीतमय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसकी प्रस्तावना संयोजक युवराज चौधरी ने विस्तृत रूप में रखी। 

कार्यक्रम में डॉ शालिनी तेलरांधे प्रमुखता के साथ उपस्थित थीं। इनका स्वागत सह संयोजिका वैशाली मदारे ने किया। अपने संबोधन में उन्होंने वर्षा ऋतु के महत्व को समझाते हुए बताया कि जीवन जितना प्राकृतिक रूप से प्रकृति के अनुकूल जिया जाए उतना सरल और सहज होता है। और वर्षा ऋतु तो, प्राकृतिक सौंदर्य को बढ़ाकर सभी के जीवन में आनंद और उत्साह का संचार करता है। 

तत्पश्चात, नवोदित कलाकारों ने एक से बढ़कर एक रिमझिम के गीतों को प्रस्तुत किया। जिसमें मृणाल तेलरांधे, रिधीशा बागडे, किमया नन्हई, रौनक रुंगटा, मीनाक्षी केसरवानी, घनश्याम नन्हई, सुमेध कांबळे, आनंद डोंगरे, नंदिनी सुदामल्लाह और आर्यन डोंगरे ने अपने शानदार गीतों से सबका दिल जीत लिया। नवोदित कलाकारों की प्रस्तुतियों को मीरा शर्मा, अलका रुंगटा, देवस्मिता मानस पटनायक, बाबा खान, स्पर्श अग्रवाल, महेंद्र आगरकर आदि ने बहुत सराहा। 

कार्यक्रम में कृष्णा कपूर और प्रशांत शंभरकर ने सहयोग किया। इस अवसर पर वैशाली मदारे ने बच्चों को पुरस्कृत भी किया। कार्यक्रम का संचालन संयोजक युवराज चौधरी ने किया।
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