नागपुर के मूर्ति कलाकारों पर संकट के बादल
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बरसात के दौरान प्रतिमा निर्माण में आ रही अड़चन
नागपुर (आनंदमनोहर जोशी)। शहर के चितार ओली स्थित मिट्टी से बनाई जानेवाली प्रतिमा पर चार फुट से अधिक निर्माण करने पर शासन द्वारा प्रतिबंध से समाज की आस्था को ठेस पहुंची है। सोमवंशी आर्य समाज के विदर्भ प्रांत के अध्यक्ष मनोज बिंड के अनुसार गत तीन वर्षों से श्री गणेशोत्सव के दौरान स्थापित की जानेवाली प्रतिमाओं को बनानेवाले कलाकारों की आर्थिक स्थिति बड़ी नाजुक हुई। इससे अनेक कलाकार बेरोजगार हुए।
वर्तमान समय में श्री गणेश प्रतिमाओं के चार फुट से अधिक ऊंचाई की बनाएं जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। इससे कलाकारों को सार्वजनिक मंडल के श्रीगणेश की प्रतिमा निर्माण के पूर्व भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। मनोज बिंड का कहना है कि अभी वर्षा प्रारंभ होने से चितार ओली में अनेक कलाकारों को दिक्कतें हो रही है। उन्होंने बताया कि चितार ओली में करीब बीस से पच्चीस परिवारों के सौ से ज्यादा परिवार के सदस्य गत तीन वर्ष से बेरोजगार हुए हैं। गणेशोत्सव के दो माह पूर्व विदर्भ के सैकड़ों नागरिकों को गणेश प्रतिमा के निर्माण से रोजगार भी मिलता था। वह महामारी के वजह से पूरी तरह प्रभावित हुआ है।
मूर्तिकार सचिन विजय गायकवाड़, राजेश गायकवाड़, विजय सूर्यवंशी, नीलेश इंगले, सचिन चौहान, राजू दार्लिंगे, निखिल दुरतकर, चंदू बिंद, केदार इंगले, राहुल सूर्यवंशी, उदय तायवाड़े, चंदू तेलंग, अभिजीत दार्लिंगे ने आयुक्त से प्रतिमा पर लगे प्रतिबंध को हटाने की मांग की है। उल्लेखनीय रहें कि स्वराज्य मेरा जन्मसिद्ध अधिकार का जयघोष देने वाले लोकमान्य बालगंगाधर तिलक द्वारा दस दिवसीय उत्सव महाराष्ट्र में शुरू किया गया था। ऐसे कर्त्तव्य निष्ठ महान स्वतन्त्रता सेनानी नेता द्वारा दिए गए धार्मिक समारोह के दौरान स्थापित प्रतिमाओं पर प्रतिबंध लगाना चिंतनीय विषय है।