साहित्यिकी में बहारे गज़ल
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नागपुर। विदर्भ हिन्दी साहित्य सम्मेलन के उपक्रम साहित्यिकी में बहारे गजल का आयोजन हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार रामकृष्ण सहस्रबुद्धे ने की। हेमलता मिश्र 'मानवी' ने अतिथियों का स्वागत किया और प्रास्ताविक के बतौर गजल विधा पर महत्वपूर्ण जानकारियों पर प्रकाश डाला।
दानिश कुणाल ने वंदना का वाचन किया। गजलकार भोला सरवर, मनीन्द्र सरकार, गुलाम मोहम्मद आलम, मजीदा बेग मुगल, तन्हा नागपुरी, अमीन कुरैशी, नश्तर इलाहाबादी, डाॅ प्रवीण कोरडे, माणिक खोब्रागडे, मंतोष मजूमदार, तेजिंदर सिग ने रचनाएँ सुनाई। मोरा जोगलेकर, पूनम मिश्रा, इंदिरा किसलय, माधुरी राउलकर, माया शर्मा, हेमलता मिश्र, मंजू कारमोरे, रूबी दास, भारती रावल ने गजलें पढीं।
अशोक रावल, अजय हावरे, विजय मिश्र का सहयोग रहा। अध्यक्षीय वक्तव्य में कार्यक्रम की भूरि-भूरि सराहना करते हुए महोदय ने साहित्य की बारीकियों पर उत्तम जानकारियां दीं। कार्यक्रम का संचालन शादाब अंजुम ने किया।