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उभरते सितारे में, 'आओ खेलें नाचें गाएं'


नागपुर। विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन का उपक्रम 'उभरते सितारे'। जिसके अंतर्गत नवोदित कलाकारों के लिए 'आओ खेलें नाचें गाएं' संगीतमय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसकी प्रस्तावना संयोजक, म्यूजिक कंपोजर युवराज चौधरी ने रखी। तथा, कुछ गीत गाकर भी समझाए। 


तत्पश्चात, मृणाल तेलरांधे ने 'आपकी नजरों ने समझा', अर्चिता लखोटे ने 'यारा सिली सिली', पुलत्स तरारे ने 'छूकर मेरे मन को', शरद आटे ने 'जब जाग उठे इंसान', मीनाक्षी केसरवानी ने 'तेरा मुझसे है, कृष्णा कपूर ने 'मुझको इस रात की तन्हाई में', प्रशांत शंभरकर ने 'जिंदगी एक सफ़र', धनंजय गाडे ने 'तुझसे नाराज नहीं जिंदगी', राजेश निवेद ने 'जो तुमको हो पसंद', गौतम ढेंगरे ने 'ऐ जिंदगी गले लगा ले' , कविता खोत ने 'बाबूजी धीरे चलना', 

योगिता तरारे ने 'दिल है कि मानता नहीं' और  श्रद्धा चिंचालकर ने 'सांझ ये गोकुळी' गाकर समां बांध दिया। वाद्य का सुंदर प्रयोग अभिषेक नायडू ने ढोलक बजाकर किया. कार्यक्रम में नवोदित कलाकारों को डॉ शालिनी तेलरांधे, सीमा लूहा, वैशाली मदारे, देवस्मिता पटनायक ने बच्चों को बहुत सराहा। 

इस अवसर पर पुलत्स तरारे और अभिषेक नायडू का सत्कार किया गया. कार्यक्रम में कृष्णा कपूर और प्रशांत शंभरकर ने सहयोग किया. कार्यक्रम का संचालन, संयोजक युवराज चौधरी ने किया.
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