भारत की स्वदेशी वस्तुओं का प्रयोग करके रुपये की मजबूती जरूरी
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विदेशी वस्तुएं की ऑनलाइन खरीद से डॉलर हो रहा मजबूत
नागपुर (आनंदमनोहर जोशी)। भारत के 29 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों के 139 करोड़ नागरिक में से अधिकांश सुबह से प्रयोग की जानेवाली सामग्री में विदेशी कोलगते दंतमंजन, विदेशी नेस कॉफ़ी का प्रयोग कर रहे है। यही नहीं सुबह के नाश्ते में पिज्जा, बर्गर का प्रयोग युवा लोग ज्यादा कर रहे है।
पीने का पानी, रोजाना पहने जानेवाले रेडीमेड गारमेण्ट रे बेन, एलेन सेलो के कपड़े, पियर्स साबुन, जिलेट शेविंग, आफ्टर शेव, टोयोटा से यात्रा, एप्पल कंप्यूटर से अकाउंट आदि अनेक कार्य और विदेशी वस्तुओं का लाभ विदेशी कंपनी को ही हो रहा है।
सोनी टीवी से मनोरंजन , वोडाफोन से मोबाइल पर बातचीत करने के लाभ विदेशी कंपनीज उठा रही है। गत सात वर्ष से किराना दुकान से खुले सामान खरीदी बहुत कम हो गई है। इससे भारत के नागरिकों को घाटा उठाना पड़ रहा है। भारत की स्वदेशी कंपनी के किराना, जरूरी खानपान, अतिआवश्यक वस्तुओं की खरीदारी की तरफ ध्यान देना भी बहुत जरूरी है। यदि भारत सरकार स्वदेशी वस्तुओं को महत्व देकर बड़े मॉल्स में ऑनलाइन से सामान बेचें तो भारत का रुपए की कीमत बढ़ेंगी।
आज सुबह से रात्रि तक प्रयोग की जानेवाली विदेशी निर्मित वस्तुओं की बिक्री को बढ़ावा मिल रहा है। जिससे भारत के रुपए की कीमत घट गई है। भारत के रुपए की कीमत बढ़ने के लिए मेक इन इंडिया, स्टार्ट अप कंपनी में स्वदेशी निवेश को बढ़ावा देना होंगा।