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'कड़ी धूप से संभलना' मनोरंजनात्मक मंथन


नागपुर। विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन का उपक्रम 'उभरते सितारे', जिसके अंतर्गत, नवोदित कलाकारों के लिए 'कड़ी धूप से संभलना' मनोरंजनात्मक विचार मंथन का आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में बच्चों ने भाग लिया। इस अवसर पर सुपरिचित शिक्षक श्री नरेंद्र मदारे जी का स्वागत किया गया. बच्चों के बीच बड़ी आत्मीयता के साथ उन्होंने आनंद के पल बिताए। 


संयोजक युवराज चौधरी ने 'कड़ी धूप से संभलना' इस विषय पर बच्चों को विस्तार से समझाते हुए उनका मनोरंजन भी किया. तत्पश्चात, कु. परिणीति चतुर्वेदी, चाणाक्ष चतुर्वेदी, नंदिनी बागडे, पुलस्त्य तरारे, शुभम बिनेकर, स्वरा कापसे, श्रावणी बंगाले, ईश्वा हेलगे, किमया नन्हई, जान्हवी तामगडे ने अपने गीतों से सबका दिल जीत लिया।  संपूर्णा रेमंडल, कल्याणी बागडे, देवांशी पटनायक का नृत्य शानदार रहा। संपूर्णा रेमंडल ने मां पर स्वरचित कविता भी सुनाई। 

नवोदित कलाकारों को डॉ. सुनील भगत, मीनाक्षी केसरवानी, कृष्णा कपूर, पूनम पाडिया, भीमराव घरडे, धनंजय गाडे, राजेश निवेद, संतोष बुधराजा, सीमा लूहा,  घनश्याम नन्हई, मानस पटनायक, बाबा खान, आनंद डोंगरे, अलका रूंगटा, डॉ. करूणा आटे, देवस्मिता पटनायक, डॉ. शालिनी तेलरांधे ने बच्चों को बहुत सराहा. कार्यक्रम में प्रा. प्रशांत शंभरकर ने सहयोग दिया. कार्यक्रम का संचालन संयोजक युवराज चौधरी ने किया। तथा, आभार वैशाली मदारे ने व्यक्त किया.
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