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अभ्युदय इंटरनेशनल की मेलबर्न शाखा का काव्य गोष्ठी सह उद्घाटन


अभ्युदय अंतरराष्ट्रीय संस्था, बेंगलोर की शाखा अभ्युदय अंतरराष्ट्रीय मेलबोर्न के उद्घाटन के अवसर पर प्रथम काव्य गोष्ठी का आयोजन शाखा अध्यक्ष अमिता शाह अमी के संयोजन में 29 अप्रैल को संपन्न हुआ।

शुरुआत सरस्वती वंदना से हुई। अमिता शाह की प्रस्तावना के पश्चात डॉ. इंदु झुनझुनवाला, संस्थापक अध्यक्ष अभ्युदय अंतरराष्ट्रीय संस्था ने संस्था के विविध कार्यकलापों के विषय में विस्तृत जानकारीयां दी। उन्होंने बताया कि संस्था का उद्देश्य देश की संस्कृति को जन जन तक पहुंचाना है।

डा प्रेम तन्मय की अध्यक्षता, श्रीमती पूर्णिमा पाटिल के मुख्य आतिथ्य और डॉ मृदुल कीर्ति के विशेष आतिथ्य ने कार्यक्रम की गरिमा को द्विगुणित किया।
कार्यक्रम के द्वितीय चरण में सुप्रसिद्ध कवि मंच संचालक अविनाश बागड़े ने संचालन की बागडोर अपने हाथों में ले कर सरस व सुंदर संचालन किया
इस काव्य समागम की झलकियां इस प्रकार है।

1. सुभाषचंद्र बंसल 'साहिल'(मेलबर्न) ने उम्दा नज्म से शुरुवात की।
दूसरा गीत .. तुम मेरे प्यार पे इल्जाम लगाया न करो पेश किया।

2. सुश्री अल्का सोंई (दिल्ली) ने रूस-युक्रेन युद्ध पर बहोत अच्छी कविता पढ़ी। और दूसरी कविता थी.. कल क्या होगा कैसा होगा प्रश्नों की झड़ी लगी रहती है।

3. अनिल मालोकर (नागपुर) ने व्यंग्य कविताओं से माहौल खुशनुमा कर दिया। बाद में कुछ गंभीर व्यंग्य भी पढ़े।

4. अक्स लखनवी (मेलबर्न) ने खूबसूरत गज़लों से समाँ बाँध दिया। उन्होंने एक शेर इंदुजी को समर्पित किया ..
संग को मोम करना पड़ता है
मंज़िल ऐसे ही सर नहीं होती

5. सुश्री मंजरी पांडेय (बनारस)
१. प्यार उसको मिला जो फना प्यार में
    रंग घिस के ही पाती हिना प्यार में
2. नहीं कहना किसिसे हाले दिल

6. सत्येन्द्र प्रसाद सिंह (नागपुर)
 १. आज का सच जो दिखा वो लिखा भी
  २. जवानों जमीं पे उतारो गगन को

7. अविनाश बागड़े (नागपुर)
   १. काफिया है तू ही तू ही रदीफ़ है

मुख्य अतिथि सुश्री पूर्णिमा पाटिल ने सभी कविगणों की रचनाओं की तारीफ की। उन्होंने कहा कि कविता अनायास पन्ने पर झरती है जब भाव दिल में उभरते हैं।
सबक पर एक कविता पढ़ उन्होंने अपने वक्तव्य का समापन किया।
कार्यक्रम अध्यक्ष प्रेम तन्मय ने अपने अध्यक्षीय उदबोधन में उपस्थित सभी कविगणों, संस्थापक इंदुजी, मेलबोर्न अध्यक्ष अमिता शाह एवम् संचालक अविनाश बागड़े का साधुवाद किया।
अविनाश बागड़े ने आभार प्रदर्शन किया।
सुश्री मंजरी पांडेय के शांतिपाठ के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
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