Loading...

धार्मिक जातिवाद, भेदभाव विश्व के लिए खतरा


नागपुर (आनंदमनोहर जोशी)। इतिहास गवाह है कि पहला, दूसरा विश्वयुद्ध तबाही के साथ खत्म हुआ। जिसमें जनहानि, प्राणहानि हुई। राष्ट्र की सेना, हथियार, गोलाबरूद, परमाणु बम, एटम बम द्वारा हिंसा हुई। लाखों की संख्या में लोग बेघर हुए। उसके बाद भी अनेक देशों में गृहयुद्ध, पड़ोसी देशों में युद्ध से सैनिकों के प्राण चले गए। वर्तमान समय में भी कट्टरता और धार्मिक उन्माद के बीच अस्तित्व की लड़ाई के लिए यूक्रेन,रूस के बीच युद्ध प्रारंभ हुआ। रूस के राष्ट्रपति ने युद्ध तो शुरू कर दिया लेकिन अब भी उसके गंभीर परिणाम को नहीं समझा। 

विश्व के अनेक देश इस युद्ध की भर्त्सना कर रहे है। साथ ही अनेक देशों का दौरा कर चुके भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से तीन बार बातचीत की। जिसमे युद्ध नहीं करने की दोनों देशों को सलाह भी दी। यही नहीं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति  वोलोदीमिर जेलेंसकी से भी वार्ता की। उन्होंने दोनों नेताओं को हिंसा का रास्ता छोड़ने का आग्रह किया। 

भारत के प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप से रूस ने अस्थाई युद्ध विराम का ऐलान किया। इसे देखकर फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रो ने भी मानवीय कॉरिडोर बनाने की सलाह यूक्रेन और रूस के नेताओं को दी। गत दस से ग्यारह दिनों से चल रहे युद्ध के चलते यूक्रेन से करीब पचास लाख लोग यूक्रेन छोड़ चुके है। इस युद्ध में दोनों देशों के सैनिक के साथ भारत,युक्रेन सहित अनेक देश के नागरिक को पलायन करना पड़ रहा है। 

अब सभी देशों को धार्मिक कट्टरता, आपसी दुश्मनी को छोड़कर मित्रता की संधि करके युद्ध को तुरंत रोकना होंगा। यदि नहीं रोका गया तो जातिवाद,भेदभाव,रंगभेद विश्व के लिए खतरा बने रहेंगे। उल्लेखनीय हो कि यूक्रेन युद्ध के दौरान विभिन्न देश के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकार को कवरेज करने से रोककर धर्म, जाति, भाषा के चलते काफी दिक्कतें भी हो रही है।

समाचार 56242623860285168
मुख्यपृष्ठ item

ADS

Popular Posts

Random Posts

3/random/post-list

Flickr Photo

3/Sports/post-list